छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : इंडो-कोरिया कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दक्षिण कोरिया के स्टूडेंट्स का 14 सदस्यीय टीम सोमवार को जमशेदपुर पहुंचा। इस टीम में शामिल स्टूडेंट्स अलग-अलग गु्रप में बंटकर वर्कर्स कॉलेज, ग्रेजुएट कॉलेज व करीम सिटी कॉलेज पहुंचे। इस दौरान दक्षिण कोरिया के स्टूडेंट्स यहां की शैक्षणिक व्यवस्था से रूबरू हुए तथा जमशेदपुरिया संस्कृति को करीब से जाना।

परंपरागत अंदाज में स्वागत

वर्कर्स कॉलेज में दक्षिण कोरिया के चार स्टूडेंट आये हैं। यहां उनका स्वागत वर्कर्स कॉलेज स्टूडेंट यूनियन व कॉलेज की ओर से पारंपरिक तरीके से किया गया। इसके बाद कोरियाई स्टूडेंट्स ने स्टूडेंट्स से बातचीत की। वहीं साइंस लैब व लाइब्रेरी को देखा। कॉलेज में दक्षिण कोरिया के स्टूडेंट्स के लिए 20 जुलाई को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें वर्कर्स कॉलेज व दक्षिण कोरिया के छात्र अपनी प्रस्तुति देंगे।

सांस्कृतिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

स्टूडेंट्स ने बताया कि वे जमशेदपुर के विभिन्न कॉलेजों की शैक्षणिक व्यवस्था का अध्ययन कर रहे हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्येश्य है भारत व दक्षिण कोरिया के बीच सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना। दक्षिण कोरिया के स्टूडेंट 25 जुलाई को कोलकाता से द। कोरिया के लिए रवाना होंगे।

कोरिया में नहीं मिलते आसानी से प्रिंसिपल

दक्षिण कोरिया के स्टूडेंट ओलिवा व जॉय ने बताया कि यहां कॉलेज के प्रिंसिपल का चैंबर खुला रहता है, लेकिन दक्षिण कोरिया में ऐसा नहीं है। भारत में प्रिंसिपल से मिलना आसान है, लेकिन दक्षिण कोरिया में काफी मुश्किल। दक्षिण कोरिया में चार साल का गे्रजुएशन कोर्स होता है लेकिन भारत में दो से तीन साल का(सामान्य दो व ऑनर्स तीन वर्ष का)।

कचौैड़ी बनाने के प्रॉसेस को जाना

वर्कर्स कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन की ओर से उन्हें नाश्ता का पैकेट दिया गया। इस पैकेट में कचौड़ी व मिठाई थी। कचौड़ी को देखकर कोरियाई स्टूडेंट इसके बारे में जानने को उत्सुक हुए। उन्हें कचौड़ी तैयार करने की विधि बताई गई। इस दौरान कचौड़ी के साथ दक्षिण कोरिया की स्टूडेंट्स जॉच व ओलिवा ने तस्वीरें भी खिंचवाई।