-स्टूडेंट्स को RTI का मिला जवाब

-आईएनसी की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है कॉलेज

- तीन महीने से कॉलेज को बेनकाब करने का मोर्चा खोले स्टूडेंट्स ने एक बार फिर किया प्रदर्शन

VARANASI

अपने हक की लड़ाई लड़ रहीं एपेक्स नर्सिग कॉलेज की स्टूडेंट्स ने फिर से आंदोलन छेड़ दिया है। बुधवार को उन्होंने कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन पर फ्रॉड का आरोप लगाया है। छात्र-छात्राएं कॉलेज में अनशन पर बैठ गए। बता दें कि ये स्टूडेंट्स तीन महीने से आंदोलनरत हैं। स्टूडेंट्स ने हकीकत जानने के लिए इंडियन नर्सिग काउंसिल (आईएनसी), स्टेट मेडिकल काउंसिल, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज और एपेक्स नर्सिग कॉलेज में आरटीआई दाखिल किया था। आईएनसी से आरटीआई का जवाब आ गया है। आईएनसी के मुताबिक इस कॉलेज को अपनी लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। वहीं आईएनसी ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को नर्सिग कॉलेज की संबद्धता देने का अधिकार भी पूछा है। विरोध प्रदर्शन में शीबा, साधना, निशा, पाकीजा बानों, ममता कुमारी, पूजा राय, श्रुति केशरी, काशी नाथ, सवर्ेंद्र आदि शामिल रहे।

DM से PM तक गुहार

नर्सिग कॉलेज में सात अप्रैल ख्0क्7 को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। इसके बाद स्टूडेंट्स ने डीएम से लेकर पीएम के संसदीय ऑफिस तक गुहार लगायी। पीएम को खून से लिखा पत्र भेजा फिर लखनऊ जाकर सीएम ऑफिस पर धरना दिए जिसके बाद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को कॉलेज प्रबंधन की जांच का आदेश दिया गया। लेकिन जिला प्रशासन ने कॉलेज मैनेजमेंट को क्लीन चिट दे दिया। फिर भी इंसाफ की लड़ाई जारी रही। एक बार फिर सीएम ऑफिस जाकर सीएम का काफिला रोका। हालांकि ये जब पहली बार सीएम से मिलने लखनऊ गईं तो उनकी मुलाकात सीएम से नहीं हो पाई मगर सीएम के सचिव ने कमिश्नर वाराणसी को मामले की जांच सौंपी। स्थानीय स्तर पर एडीएम सिटी ने मामले की जांच की। इस दौरान कॉलेज प्रशासन और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन से सारे दस्तावेज दिखाने को कहा।

एडमिनिस्ट्रेशन ने दी थी क्लीन चिट

सारी कार्रवाई करने के बाद कमिश्नर ने एपेक्स नर्सिग कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को क्लीन चिट दे दी। लेकिन स्टूडेंट्स ने हार नहीं मानी दोबारा लखनऊ गईं और सीएम योगी आदित्य नाथ से मिलीं। सीएम ने न्याय का भरोसा दिलाया। फिर लखनऊ में सीएम के सचिव ने एपेक्स प्रशासन, विद्यापीठ प्रशासन को सारे डाक्यूमेंट्स के साथ तलब किया था। लेकिन दोनों ही शिक्षण संस्थान वाजिब दस्तावेज नहीं दिखा सके। इसके बाद सचिव ने स्टूडेंट्स को लीगल एक्शन का आश्वासन दिया। लखनऊ से लौटी छात्राएं क्फ् मई को पहले डीएम से मिलीं फिर लंका थाने में एपेक्स प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का एप्लीकेशन दी। डीएम के लेटर के आधार पर एसओ लंका ने एपेक्स के डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। इस बीच छात्राओं ने कहा कि हमें अभी भी न्याय नहीं मिला है। कॉलेज प्रबंधन ने उनका समय तो बर्बाद किया ही साथ ही पैसे भी ऐंठे हैं।