-शिक्षामित्रों के आंदोलन से परिषदीय स्कूल्स में पठन-पाठन बेपटरी
-समायोजन रद्द होने से नाराज शिक्षामित्रों ने स्कूल की राह छोड़ पकड़ी है आंदोलन की डगर
VARANASI
समायोजन रद्द होने से खफा शिक्षामित्रों का आंदोलन दिनों दिन तेज होता जा रहा है। सत्याग्रह की राह पर चलने का संकल्प ले चुके शिक्षामित्रों के कारण अब परिषदीय स्कूल्स में संकट आन पड़ा है। जिसका असर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर पड़ रहा है। डिस्ट्रिक्ट के कई स्कूल्स ऐसे हैं जहां एक शिक्षक संग शिक्षामित्र पढ़ाते हैं। ऐसे में शिक्षामित्रों के आंदोलन से स्कूल्स में सिर्फ एक शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं। जिसके चलते परिषदीय स्कूल्स में एक हजार से अधिक शिक्षकों का टोटा हो गया है।
पढ़ाएं या एमडीएम बनवाएं
उन तमाम शिक्षकों पर संकट आ गया है जो सहायक अध्यापकों के भरोसे अपनी नौकरी की गाड़ी चला रहे थे। शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने शिक्षकों के हटने से अब पूरा समीकरण ही बिगड़ गया है। उन तमाम शिक्षकों पर अब बच्चों को पढ़ाने से लेकर स्कूल्स में संचालित एमडीएम की भी मॉनिटरिंग करनी पड़ रही है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अकेले क्या-क्या करें? पढ़ाएं या एमडीएम बंटवाएं। अधिकतर परिषदीय स्कूल्स में यूनिफॉर्म व किताबों का वितरण नहीं हो सका है। त्रिमासिक टेस्ट से लेकर हाफ ईयरली एग्जाम की भी तैयारी छात्र-छात्राओं को करानी है। ऐसे में यह भी टेंशन प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को सताने लगा है। जबकि शिक्षामित्र स्कूल्स छोड़कर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
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हैं डिस्ट्रिक्ट में शिक्षक
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शिक्षकों का हुआ टोटा
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हैं डिस्ट्रिक्ट में शिक्षामित्र
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डिस्ट्रिक्ट में प्राथमिक विद्यालय है संचालित
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अनुदानित विद्यालय
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अनुदानित उच्च प्राथमिक विद्यालय
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समाज कल्याण विभाग के
छह
राजकीय विद्यालय
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माध्यमिक अनुदानित
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मदरसा कक्षा छह से आठ तक
छह
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय
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परिषदीय स्कूल्स में है छात्र-छात्राएं
एक समान कार्य, एक समान वेतन की मांग जब तक पूरी नहीं होगी तब तक शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी रहेगा। तीन दिवसीय हड़ताल के बाद ख्क् अगस्त से लखनऊ में सत्याग्रह किया जाएगा।
अमरेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष
शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन