लू को हिरासत में ले लिया गया

इस हमले के बाद लू को हिरासत में ले लिया गया। अपने बयान में उसने कहा था कि वह राष्ट्रपति कार्यालय पर चीनी ध्वज फहराना चाहता था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उस समय उसने अपने हाथ में एक पर्चा भी ले रखा था, जिसमें राष्ट्रपति का सर कलम करने की बात लिखी हुई थी।

चीन का एक हिस्सा बना देगा

बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि लू को उम्मीद थी कि बीजिंग ताईवान को फिर से एक बार चीन का एक हिस्सा बना देगा। दरअसल, साल 1949 में दोनों गृहयुद्ध के बाद एक दूसरे से अलग हो गए थे। बीजिंग ताईवान को अभी भी अपना हिस्सा मानता है।

गर्दन पर हमला करना मौत का कारण

अदालत ने लू के बारे में कहा कि 'आरोपी को पता था कि एक समुराई तलवार से किसी व्यक्ति के गर्दन पर हमला करना मौत का कारण हो सकता है, लेकिन फिर भी जानबूझकर ऐसा किया, जिससे शारीरिक और भावनात्मक चोटें पैदा हुई'। हालांकि लू ने कोर्ट में यह बात मानने से साफ इंकार कर दिया कि वह सुरक्षाकर्मी को मारने की कोशिश कर रहा था।

चोरी के मामले में दोषी ठहराया गया

बता दें कि लू के साथ उसके पांच अन्य साथियों को भी चोरी के मामले में दोषी ठहराया गया है, जानकारी के मुताबिक उन्होंने हथौड़े की मदद से इतिहास संग्रहालय के शो-केश को तोड़कर समुराई तलवार चुरायी थी।

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