ये तस्वीर मिज़ानुर रहमान ने फ़ेसबुक पर पोस्ट की थी जिसे रिपोर्ट लिखे जाने तक 60 हज़ार से अधिक बार शेयर किया जा चुका है।

ये तस्वीर ढुबरी ज़िले के फकीरगंज थाने के अंतरगत आने वाले नसकारा एलपी स्कूल की है जिसे सहायक शिक्षक मिज़ानुर रहमान ने लिया था।

बीबीसी से बात करते हुए मिज़ानुर रहमान ने बताया, "आज सुबह हमने स्कूल में स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया था। सुबह सवा सात बजे ये तस्वीर मैंने ली थी।"

मिज़ानुर कहते हैं, "मुझे पता नहीं था कि इतने लोग इस तस्वीर देखेंगे। दरअसल यहां बिजली कम ही आती है। तस्वीर पोस्ट करने के बाद मेरा मोबाइल फ़ोन बंद हो गया था। मुझे शाम को ही पता चला कि इतने लोग इस तस्वीर को देख चुके हैं।"

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जब बीबीसी ने पूछा कि ये नाटकीय तस्वीर आपने किस तरह ली या इसे स्टेज तो नहीं किया तो मिज़ानुर ने बताया, "स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने के बाद हमने सोचा कि फ़ेसबुक पर पोस्ट करने के लिए तस्वीर लें।"

उन्होंने बताया, "जो दो बच्चे तस्वीर में दिख रहे हैं वो तैर सकते हैं इसलिए हमने उन्हें झंडे के पास जाने के लिए कहा। उन्हें सैल्यूट करने के लिए कहा तो सबने सैल्यूट किया और हमने तस्वीर ले ली।"

मिज़ानुर ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह की तस्वीरें विभाग को भी देनी होती हैं इसलिए हम हर साल समारोह की तस्वीरें लेते हैं।

मिज़ानुर के स्कूल में करीब दो सौ बच्चें पढ़ते हैं जो बहुत ही ग़रीब परिवारों से आते हैं।

मिज़ानुर कहते हैं, "यहां पढ़ने वाले बच्चे बहुत गरीब परिवारों से हैं। स्कूल आने से पहले वो काम करके आते हैं इसलिए थके हुए होते हैं।"

मिज़ानुर कहते हैं, "यहां के बच्चे ग़रीब ज़रूर हैं लेकिन प्रतिभावान हैं, यदि उन्हें मौके मिले तो बहुत आगे जा सकते हैं।"


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वो कहते हैं, "मेरा सपना है कि हमारे स्कूल के बच्चे अपना बहुत नाम कमाएं, उन्हें इतनी अच्छी शिक्षा मिले को कहें कि हमें भारतीय होने पर गर्व है। मैं तो सिर्फ़ शिक्षक ही बन पाया लेकिन मेरा सपना है कि मेरे स्कूल के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनें।"

मिज़ानुर की तस्वीर ने देशभर का ध्यान खींचा है और इसे लाखों लोगों ने शेयर किया है। इस तस्वीर के बहाने इलाक़े में आई बाढ़ की ओर भी लोगों का ध्यान गया है।

मिज़ानुर कहते हैं, "हमारे इलाक़े की सबसे बड़ी समस्या संचार और संपर्क के माध्यम हैं। मैं सरकार से अपील करूंगा कि इस इलाक़े की सड़कों पर ध्यान दे।"

मिज़ानुर का कहना है कि बाढ़ की वजह से इलाक़े की ज़्यादातर सड़कें बह चुकी हैं और लोगों का बाहरी दुनिया से संपर्क लगभग कट गया है।

वो कहते हैं, "आज हालात ऐसे हैं कि यदि कोई बीमार पड़ जाए तो उसे इलाज नहीं मिल सकता क्योंकि यहां से बाहर जाना बहुत मुश्किल है।"

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