POTKA: स्कूलों को बंद कर अन्य विद्यालय में मिलाए जाने से ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। ग्रामीणों ने बुधवार को प्रखंड के हेंसलबिल व सेरेंगडीह में शिक्षकों को घंटों बंधक बनाए रखा। पुलिस ने हस्तक्षेप कर सभी को मुक्त कराया।

बताया जाता है कि हेंसलबिल में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की कक्षा छह से आठ का उत्क्रमित उच्च विद्यालय जाहातू में विलय किये जाने के विरोध में झामुमो नेता दिलीप सोरेन के नेतृत्व मे सैकड़ों ग्रामीणों ने बुधवार की सुबह नौ बजे कार्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत छह शिक्षकों को बंद कर ताला मार दिया। सूचना मिलने ही पोटका थाना प्रभारी अरविंद यादव एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) विशेश्वर नंदी हेंसलबिल विद्यालय पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को तत्काल विद्यालय का विलय नहीं किए जाने का आश्वासन दिया। उसके बाद करीब 11.30 बजे ग्रामीणों ने शिक्षकों को मुक्त कर दिया। उत्क्रमित मध्य विद्यालय हेंसलबिल में कक्षा एक से लेकर आठ तक की पढ़ाई होती है। एक से छह में 122 एवं छह से आठ के 63 विद्यार्थी हैं। 63 छात्रों का स्थानांतरण उत्क्रमित उच्च विद्यालय जाहातू में किया गया है।

आठ घंटे बंधक रहे पांच शिक्षक

पोटका प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय सेरेंगडीह का विलय उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बोहराकाटा में किये जाने के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण बुधवार को प्रात: आठ बजे विद्यालय में जमा हो गए और विद्यालय के प्रधानाध्यापक रूपाली गोप एवं सहायक शिक्षक रूप कुमार सी को बंधक बना लिया। सूचना मिलते ही बीईईओ ने विभाग के तीन कर्मी रवींद्र सरदार, विष्णुपदो गोप एवं मृत्युंजय गोप को सेरेंगडीह विद्यालय भेजा। समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे इन तीनों को भी ग्रामीणों ने इन तीनों को भी बंधक बना लिया। बाद में पोटका थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। लंबी वार्ता के बाद दिन में तीन बजे ग्रमीणों ने पांचों बंधकों को मुक्त किया। ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय में कुल 36 बच्चे हैं और विद्यालय का विलय बोहराकाटा विद्यालय में कर दिया गया है, जहां की दूरी गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर है उन्होंने कहा कि अगर विद्यालय का विलय नहीं रोका गया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए तैयार हैं।

नीति आयोग का है निर्देश

दरअसल नीति आयोग के निर्देश पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य में विद्यालयों का पुनर्गठन किया जा रहा है। इसके तहत कम दूरी और कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को मिलाकर एक विद्यालय बनाया जा रहा है। 30 अप्रैल तक यह प्रक्रिया पूरी हो जानी है। गत 23 अप्रैल को भी कालिकापुर पंचायत अंतर्गत मातकमडीह प्राथमिक विद्यालय का विलय अपग्रेड उच्च विद्यालय कालिकापुर में किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने संकुल संसाधन सेवा (सीआरपी), विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षिका को चार घंटे बंधक बनाए रखा था। पोटका में कुल 96 विद्यालयों का विलय किया जा रहा है।

शिक्षक संघ ने मांगी सुरक्षा

झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने विलय हुए विद्यालय के शिक्षकों के लिए प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संघ का प्रतिनिधिमंडल जिले के उपायुक्त से मिलेगा और शिक्षकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में शिक्षक असुरक्षित हैं और इस माहौल में काम करना संभव नहीं है।

स्कूलों को मर्ज करने का निर्णय नीति आयोग का है। प्रखंड में हो रहे विरोध और शिक्षकों को बंधक बनाए जाने की जानकारी वरीय पदाधिकारी को दे दी गई। वरीय अधिकारियों के आदेश पर आगे की कार्रवाई होगी। ग्रामीण आक्रोशित नहीं हो। उचित मंच पर बात रखें।

- मुरारी शाही, बीईईओ, पोटका