RANCHI: बुधवार को लाल वारंटी(स्थाई वारंटी) पूर्व में सीआइएसएफ के कांस्टेबल कमल सिंह की तलाश में रांची पहुंची तेलंगाना पुलिस को उस समय जबरदस्त झटका लगा, जब उसे पता चला कि आरोपी अब इस दुनिया में नहीं रहा। फिर, तेलंगाना पुलिस उस आरोपी का डेथ सर्टिफिकेट लेकर लौट गई। इससे पूर्व पुलिस कांस्टेबल ने चुटिया थाना से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी लिया।

सीआईएसएफ अधिकारी को मारा था चाकू

तेलंगाना एनटीपीसी थाना के हेड कांस्टेबल खलील खान, कांस्टेबल कुमार कामरिया लाल वारंटी कमल सिंह की तलाश में रांची पहुंचे थे। पता चला कि वो अपने गृह जिला पलामू के कांकेरकला पाटन में रहता है। पुलिस उसकी तलाश में उसके घर पहुंची तो पाया कि कमल सिंह की मौत हो चुकी है। इसके बाद परिजनों ने उनके आधारकार्ड, डेथ सर्टिफिकेट, तस्वीरें आदि पुलिस को सौंप दिए। कमल सिंह से जुडे़ सारे दस्तावेज लेकर तेलंगाना पुलिस वापस लौट गई। हेड कांस्टेबल खलील खान ने बताया कि वर्ष 2002 में छुट्टी नहीं मिलने पर सीआईएसफ अधिकारी की गर्दन में चाकू मार दिया था। फिर, वहां से फरार हो गया था।

2006 में भी आई थी पुलिस

बताया जाता है कि कमल सिंह की तलाश में वर्ष 2006 में भी तेलंगाना पुलिस पहुंची थी। उस वक्त उसे पैरालाइसिस मार गया था। इस वजह से पुलिस उसे नहीं ले जा सकी थी। उस वक्त पुलिस ने उसकी तस्वीर प्रमाण के लिए ली थी। इसके बाद कई साल गुजर गए तो अदालत ने आरोपी के समय पर उपस्थित नहीं होने पर उसके खिलाफ लाल वारंट निकाल दिया। ऐसे में पुलिस पुन: रांची पहुंची और रांची से पलामू, जहां उसके परिजनों ने बताया कि कमल सिंह की मौत हो गई है।