पेरिस में हुआ समझौता

रिलायंस डिफेंस लि. अनिल अंबानी ग्रुप व फ्रांस की कंपनी थेल्स के बीच बुधवार को बहुप्रतिक्षित समझौता पेरिस में संपन्न हो गया है। संयुक्त उपक्रम में 51 फीसद शेयर भारतीय कंपनी के पास रहेंगे। इससे मेक इन इंडिया व स्किल डेवलपमेंट जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को बल मिलेगा और वायु सेना की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। संयुक्त उपक्रम का गठन भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया गया है। इसके तहत रडार की देखरेख के साथ हवा में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरणों का निर्माण किया जाएगा।

ये बनायेगी थेल्स

थेल्स फ्रांस की एक अन्य कंपनी डिजॉल्ट एविएशन को रडार, इलेक्ट्रानिक युद्धक उपकरण व सॉफ्टवेयर सप्लाई करने का काम करती है। डिजॉल्ट एविएशन भारत को 60 हजार करोड़ की लागत से 36 राफेल जेट सप्लाई करने जा रही है। यह समझौता रक्षा मंत्रालय की ऑफसेट नीति के तहत संपन्न हुआ है। जिसके तहत फ्रांस की कंपनी भारत की कंपनियों से समझौते की आधी कीमत का सामान खरीदेंगी। इसके तहत तीस हजार करोड़ रुपये का सामान ये भारतीय कंपनियों से खरीदेंगी।

नागपुर में होगी यूनिट

रिलायंस के साथ मिलकर थेल्स मिहान-नागपुर विशेष आर्थिक जोन में युद्धक उपकरण बनाने का काम करेगी। कंपनी ने अपने तीन सौ कर्मियों को भारत में तैनात किया है। ये रिलायंस के साथ मिलकर युद्धक तकनीक को विकसित करेंगे। पेरिस में समझौते पर दस्तखत करने के बाद थेल्स के सीईओ पैट्रिक केन ने कहा कि इससे वह भारत में अपनी क्षमताओं को उजागर कर सकेंगे। रिलायंस के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा कि इससे मेक इन इंडिया व स्किल डेवलपमेंट जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को बल मिलेगा।

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