-वीसी ने विभागों से मांगी एक्विपमेंट की जानकारी

-कमेटी गठित कर तलब किया पूरा ब्यौरा

LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में वर्षो से करोड़ों की विभागों में रखी मशीनें खराब हो रही हैं लेकिन उनका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। इसको देखते हुए वीसी ने अब कमेटी गठित कर विभागों में मौजूद मशीनों का ब्यौरा तलब किया है।

गठित की कमेटी

वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट ने मशीनों की जानकारी एक जगह पर एकत्र करने के लिए एक्विपमेंट रजिस्ट्रेशन सेल का गठन किया है। यह सेल ही सभी विभागों में एक्विपमेंट की जानकारी एक जगह रखेगी। जिससे उनका रखरखाव आसानी से और समय पर हो सके। इस सेल में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन से डॉ। नितिन दत्त भारद्वाज, डॉ। अक्षय आनंद को शामिल किया गया है। यह सेल सभी विभागों में उपलब्ध एक्विपमेंट की जानकारी एकत्र करेगी। साथ ही उनके इंस्टाल होने की तारीख और इंस्टालेशन रिपोर्ट भी रखी जाएगी। मशीनों की वर्किंग कंडीशन क्या है, उनकी एएमसी और सीएमसी का स्टेटस का भी हिसाब रखेगी। विभागों में मशीनों की जरूरत और अन्य जानकारी भी इस सेल से देने को कहा गया है।

सीटीवीएस में पड़ी मशीनें

केजीएमयू के कार्डिक सर्जरी यानी सीटीवीएस विभाग में करीब पांच वर्ष पहले ही हार्ट सर्जरी की मशीनें खरीद ली गई थीं। जबकि केजीएमयू में अभी किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट भी शुरू नहीं हो सका है। पिछले 20 साल से अधिक समय से किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट कर रहे एसजीपीजीआई में हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए भी ये मशीने नहीं खरीदी गई। लेकिन केजीएमयू ने तत्परता दिखाते हुए धन का दुरुपयोग किया और मशीने अभी भी पैक पड़ी हैं। ऐसे ही अन्य बहुत सी मशीने हैं।

25 वेंटीलेटर का प्रयोग नहीं

केजीएमयू में करीब 25 वेंटीलेटर भी वर्षो से डिब्बों में बंद खराब हो रहे हैं। जबकि ट्रॉमा सेंटर से रोजाना 15 से 25 मरीज वेंटीलेटर के अभाव में लौटा दिए जाते हैं और उन्हें प्राइवेट में इलाज के लिए मजबूर होना पड़ता है। सूत्रों के अनुसार चार दर्जन से अधिक ऐसी मशीनें वर्षो से डिब्बों में बंद पड़ी हैं जिनका प्रयोग अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है।

25 वेंटिलेटर वर्षो से डिब्बों में ही बंद हैं

15 से 25 मरीज वेंटिलेटर के अभाव में रोज लौटाए जाते हैं

4 दर्जन से अधिक मशीनें डिब्बों में बंद

5 वर्ष पहले हार्ट सर्जरी की मशीनें खरीदी गई