-जेल में चल रहे गोरखधंधे पर लगाम कसने को लिए गए कई कड़े फैसले

-परिजन एक महीने में तीन के बजाय आठ बार मिल सकेंगे कैदियों से

DEHRADUN: सप्ताह में एक बार कैदी अपने परिजनों से फोन पर बात कर सकेंगे। जबकि परिजन माह में तीन बार नहीं बल्कि आठ बार कैदियों से मिल सकेंगे। इसके अलावा कैदियों को दूसरे पर निर्भर न रहना पड़े, इसके लिए उनके मासिक कूपन के रूप में म्00 के बजाय फ्000 रुपए की व्यवस्था की गई है। तीनों निर्णयों के पीछे तर्क दिया गया है कि कैदियों का मनोबल बढ़ा रहे और जेल के अंदर चल रहे गोरखधंधे पर नकेल कसती रहे। बकायदा इस बाबत आईजी जेल की तरफ से भी आदेश जारी कर दिए हैं।

खामियों पर लगेगी लगाम

अक्सर उत्तराखंड की कई जेलों में पुराने नियम कानूनों के अलावा तमाम प्रकार की खामियां सामने आती रही हैं। कई बार गोरखधंधे तक का खुलासा हो चुका है। गत वर्ष अमित मलिक उर्फ भूरा की फरारी के बाद अधिकारियों ने जेल निरीक्षण में पाया गया कि अमित मलिक उर्फ भूरा को जेल में फोन मुहैया करवाया गया था। इसके बाद तो एक के बाद एक-एक करके जेलों में मौजूद कई खामियां सामने आती रहीं। यह भी पता चला कि जेल के अंदर चोरी छिपे कैदियों से पैसे लेकर हर सुविधा मुहैया करवाई जाती है। नतीजतन, अब देर से ही सही, जेल की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए आईजी जेल की तरफ से कई नई व्यवस्थाएं शुरु करने के आदेश जारी किए गए हैं।

सप्ताह में कर सकेंगे फोन

आईजी जेल पीवीके प्रसाद की मानें तो अभी तक परिजन जेल में बंद कैदियों को माह में मात्र तीन बार मिल सकते थे, जिस कारण कैदियों के मनोबल पर सीधा असर दिखाई देता था। इसी क मद्देनजर नई व्यवस्था के तहत अब फ्0 दिनों यानी एक माह में आठ बार परिजन जेल में बंद कैदियों से मिल सकेंगे। जेल के अंदर चोरी छिपे यूज हो रहे मोबाइल फोन को दूर करने के लिए जेल में ही बेस फोन की सुविधा शुरु करने का निर्णय लिया गया है। इस बेस फोन के जरिए कैदी को सप्ताह में एक बार परिजनों ने बात करने की इजाजत होगी। जबकि जेल में चल रहे गोरखधंधे पर लगाम कसने के लिए कैदियों का मासिक कूपन छह सौ से बढ़ाकर तीन हजार रुपए करने के आदेश किए गए हैं।

'जेल के अंदर चल रहे गोरखधंधे पर लगाम लगाने के साथ कैदियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए यह तीनों फैसले लिए गए हैं.'

- पीवीके प्रसाद, आईजी जेल।