-बीएनडी कॉलेज कॉलेज में नामांकन के दौरान छात्र गुट भिड़े, मारपीट और फायरिंग

-कार और बाइक के काफिले से नामांकन कराने पहुंचे, आचार संहिता की उड़ाई धज्जियां

-एक प्रत्याशी को दूसरे गुट ने गेट पर ही पीट-पीटकर खदेड़ा, नहीं करा पाया नामांकन

-मॉल रोड पर जमकर किया शक्ति प्रदर्शन, कॉलेज प्रशासन ने पुलिस पर ठीकरा फोड़ा

KANPUR: छात्रों के हुजूम के बीच नारेबाजी, गाली-गलौज, मारपीट और फिर किसी पेशेवर गुंडों की तरह फायरिंग। यह नजारा था मंगलवार को बीएनडी कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव के नामांकन का। छात्र नेताओं ने आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए अराजकता की हद पार दी। रोक के बाद भी मालरोड से जैसे पॉश इलाके में छात्रों ने पहले जुलूस निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया और फिर खुद को बाहुबली दिखाने के लिए एक दूसरे से भिड़ गए। खुलेआम लात-घूंसे और फायरिंग से रोड में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस मौजूद तो थी, लेकिन छात्रों के हुजूम को देख मूकदर्शक बनी रही। जब और थानों से फोर्स आया तो पुलिस लाठीचार्ज कर स्थिति कंट्रोल कर पाई। इस दौरान छात्र नेताओं की पैरवी में आए सपा और भाजपा नेताओं की प्राचार्य व पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने किसी स्थिति को कंट्रोल किया। हालात देखकर सवाल यही उठता है कि किया इसीलिए छात्र नेता चुनाव कराने की मांग करते आ रहे हैं। क्या बिना चुनाव उन्हें ये सब करने को नहीं मिल पता जो उन्होंने किया? ऐसा करने वालों को छात्र कैसे कहा जा सकता है? छात्रों के पास इतनी शक्ति कहां से आती है? क्या उन्हें इस सबके लिए उकसाया जाता है? उन्हें आर्थिक मदद की जाती है? जिससे वक्त आने पर इस युवा जोश को कैश कराया जा सके?

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नामांकन के साथ ही अराजकता

बीएनडी कालेज में सुबह 10 बजे से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई। इससे पहले सुरक्षा के लिहाज के कॉलेज के चौतरफा बैरीकेडिंग लगा दी गई, ताकि प्रत्याशी और उसके प्रस्तावक के अलावा कोई भी छात्र कॉलेज के अन्दर न आ सकें। जैसे ही नामांकन प्रक्रिया चालू हुई तो रोड पर छात्र नेताओं ने अराजकता शुरू कर दी। प्रत्याशी प्रस्तावक के साथ कॉलेज में पर्चा दाखिल कर रहे थे और उनके समर्थक बाहर रोड पर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसी दौरान दो प्रत्याशी के समर्थक भिड़ गए। उनके बीच खुलेआम रोड पर लात-घूंसे और बेल्ट चलने लगी। इसी बीच छात्र नेताओं के साथ आए कुछ अराजकतत्वों ने फायरिंग कर दी। पुलिस उन्हें खदेड़कर स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश की, लेकिन छात्रों के बार-बार कॉलेज पहुंचने से माहौल बिगड़ रहा था। करीब तीन घंटे बाद जब एक बजे नामांकन खत्म हुआ। तब पुलिस पूरी तरह से स्थिति को कंट्रोल कर पाई।

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