- सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर नहीं कोई खाका, हैलट में ही रोजाना 3 हजार पेशेंट्स की ओपीडी

-झगड़े, चोरी जैसी घटनाओं से निपटने के ही पर्याप्त उपाय नहीं, चोर रास्तों की भरमार, कैंपस में रहने वालों की भी पूरी जानकारी नहीं

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KANPUR: सरकारी अस्पताल वह जगह होती है जहां रोजाना हजारों लोगों का आना जाना होता है। आतंकी खतरे की बात करें तो अहमदाबाद में कुछ साल पहले हुए ब्लास्ट में आतंकियों ने सरकारी हॉस्पिटल में भी ब्लॉस्ट किया था। इसके अलावा सुरक्षा को लेकर कई इंतजाम जोकि इन बड़े अस्पतालों में होने चाहिए वह नदारद हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बुधवार को जिले के सबसे बड़े हैलट हॉस्पिटल में सुरक्षा इंतजामों का रिएलिटी चेक किया तो इंतजामों की पोल खुल गई। दरअसल चोर दरवाजों से भरे इस अस्पताल में कभी भी कोई भी घुस कर किसी वारदात को अंजाम दे सकता है और रोजाना ऐसी छोटी मोटी वारदातें होती भी रहती हैं।

चोर रास्ते बने हैं मुसीबत

हैलट में एक नहीं बल्कि कई चोर रास्ते हैं। मेन गेट को छोड़कर कई रास्ते ऐसे हैं, जहां से बिना सिक्योरिटी चेक बेधड़क कहीं भी आराम से आ जा सकते हैं। जीटी रोड की तरफ रास्ता पूरा खुला है। सूत्रों की मानें तो इसी रास्ते से चोर आते जाते हैं और चोरी कर आराम से निकल जाते हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब हैलट की सिक्योरिटी पर सवाल उठ रहे हैं। कई बार सिक्योरिटी पर बात हुई लेकिन नतीजा सिफर रहा।

इतने चाेर दरवाजे-

- मोतीझील कारगिल पार्क के पीछे कैनाल से

- पोस्टमार्टम हाउस से इंट्री

- जीटीरोड की तरफ कैनाल के साइड से इंट्री

- जीटीरोड साइड निर्माणाधीन मेटरनिटी ब्लॉक के पास से इंट्री

- बालरोग अस्पताल के सामने गेट से इंट्री

- अपर इंडिया हॉस्पिटल के फैकल्टी गेट से इंट्री

- जीटीरोड साइड में सर्वेट क्वार्टर के पीछे से इंट्री

सीसीटीवी का नहीं इंतजाम

हैलट हॉस्पिटल में भले ही स्वरूप नगर थाने के ठीक सामने हो और हॉस्पिटल में भी पुलिस चौकी हो। फिर भी इतने सुरक्षा इंतजाम इस हॉस्पिटल के लिए नाकाफी पड़ते हैं। हॉस्पिटल में सिर्फ इमरजेंसी और ओपीडी ही सीसीटीवी की निगरानी में है। इसके अलावा एक सीसीटीवी कैमरा एसआईसी ऑफिस के बाहर लगाया गया है। आर्थो डिपार्टमेंट, न्यूरो साइंस सेंटर, सर्जरी डिपार्टमेंट, मेडिसिन डिपार्टमेंट, बालरोग अस्पताल हो या फिर अपर इंडिया मेटरनिटी हॉस्पिटल कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं।

आए दिन होती है चोरी

हैलट में सुरक्षा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हैलट के लगभग हर वार्ड में चोरी हो चुकी है। पिछले दिनों डॉक्टर्स के लगभग म् मोबाइल भी चोरी हो गए थे। सर्जरी डिपार्टमेंट में चोरी और ईएनटी डिपार्टमेंट भी चोरी हो चुकी है। यही नहीं यहां मरीजों के तीमारदारों के साथ भी चोरी की घटनाएं हो चुकी है। पुलिस इन मामलों में सिर्फ चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर लेती है, लेकिन न तो माल बरामद कर पाती है और न ही चोर का पकड़ पाती है। हैलट में आए दिन कोई न कोई बवाल होता है। मौके पर अगर सिक्योरिटी होती तो वक्त रहते इन बवालों को रोका जा सकता है। यही नहीं आए दिन डॉक्टर्स पर भी हमले होते रहते हैं, लेकिन फिर भी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं।

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हैलट परिसर में सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम हैं?

- यहां इमरजेंसी और ओपीडी में सीसीटीवी कैमरे हैं। यहीं पर सबसे ज्यादा मरीज व तीमारदार आते हैं। इसके अलावा प्राइवेट सिक्योरिटी का भी इंतजाम हैं। कोई भी विवाद होने पर हैलट चौकी से पुलिस आ जाती है।

हैलट के चोर दरवाजों को बंद करने के लिए कुछ हुआ?

अस्पताल में बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए ओपीडी खत्म होने के बाद मेन गेट सामने का गेट बंद कर दिया जाता है। बालरोग अस्पताल के पास भी गेट बंद रहता है। पोस्टमार्टम हाउस के पास एक रास्ते को कुछ दिन पहले ही बंद कराया गया है।

- हैलट में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया गया?

- इस बाबत पुलिस अपना काम कर रही है। हमने अपने स्तर से भी सुरक्षा को लेकर उपाय किए हैं। मरीज व तीमारदारों को भी अपने सामान की सुरक्षा के लिए अवेयर किया जाता है। हैलट परिसर में अनाधिकृत रूप से रह रहे लोगों को हटाने के लिए जिला प्रशासन से मदद मांगी गई है।

- डॉ.आरसी गुप्ता

- एसआईसी, एलएलआर हॉस्पिटल