- शहर के तीन कॉलोनियों में सुबह 9 बजे के बाद नहीं दिखता कूड़ा

- बेहतरीन को-ऑर्डिनेशन और सिस्टम से बन रहे हैं नजीर

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GORAKHPUR:

एक ऐसे समय में जबकि शहर के ज्यादातर लोग अपनी कॉलोनियों में गंदगी का रोना रोते रहते हैं, तीन कॉलोनियों ने सफाई के मामले में मिसाल कायम की है। यह कॉलोनियां हैं, जजेज कंपाउंड, हरिओम नगर कॉलोनी और श्रीराम नगर कॉलोनी। इन कॉलोनियों में जाने के बाद एक बार शायद आपको खुद यकीन न आए कि आप गोरखपुर में ही हैं।

हरिओम नगर कॉलोनी

इसकी गिनती शहर के पॉश एरियाज में होती है। यहां 60 मकान हैं, सड़कों पर एक भी कूड़ा आपको नजर नहीं आएगा। वजह, कॉलोनी के लोगों ने गंदगी को दूर रखने की कसम खा रखी है। बाकायदा एक सफाईकर्मी लगा रखा है। वह हर रोज सड़कों की सफाई करने के साथ ही साथ कूड़ा भी उठाने का कार्य करता है। कालोनी के रहने वाले मनोज सिंह का कहना है कि पहले यहां भी सड़कों पर कूड़ा बिखरा रहता था। बच्चों को खेलने में परेशानी होती थी और बीमारी का भी खतरा रहता था। इसके लिए दो साल पहले यह व्यस्था बनाई गई। आज आलम यह है 8 बजते-बजते सड़क साफ हो जाती है। 11 बजे के पहले घर से कूड़ा निकल जाता है। इसके बाद अगर किसी के यहां से कूड़ा निकलता है तो वह मोहल्लों में रखे डस्टबिन में डाल देते हैं।

कॉलिंग

गंदगी के कारण होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए योजना बनी। सोसायटी के सभी लोगों ने तय किया कि सफाई के लिए कुछ व्यवस्था करनी होगी। इसके बाद सोसायटी द्वारा सफाईकर्मी रखा गया। इसके अलावा सोसायटी का कोई भी खुले में कूड़ा नहीं फेंकता। शहर के लोगों को भी घर का कूड़ा सड़क पर न फेंके।

-श्रीप्रकाश अग्रवाल, सीए व पूर्व अध्यक्ष हरिओम नगर सोसायटी

जजेज कंपाउंड

शहर के वीवीआइपी कॉलोनी में शुमार यह कालोनी शहर की पुरानी कालोनियों में से एक है। यहां कुल करीब 30 मकान हैं। यहां सुनियोजित कूड़ा निस्तारण का तीन साल पहले शुरू हुआ। नगर निगम के सफाईकर्मियों से किस तरह से बेहतर ढंग से को-ऑर्डिनेशन बनाया जाए, यह जजेज कंपाउंड में देखा जा सकता है। जब शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना नहीं शुरू थी, तब से इस कॉलोनी का कूड़ा डोर-टू-डोर उठता है। नालियां साफ होने से कालोनी का पानी निकल जाता है।

कॅालिंग

शहर के लोग अगर सफाईकर्मियों को अपने ही बीच का साथी मानकर उसका बेहतर सदुपयोग करें तो किसी भी मोहल्ले की गलियों को चमकाया जा सकता है। जजेज कंपाउंड में सफाई कर्मचारी नहीं, बल्कि एक सदस्य के रूप में माना जाता है। इसी का परिणाम है कि आज यह कॉलोनी चमक रही है।

-अरुण अग्रवाल, एडवोकेट व अध्यक्ष, सोसायटी जजेज कंपाउंड

श्रीराम नगर कालोनी

मोहद्दीपुर के श्रीराम नगर कॉलोनी में लगभग 50 से 60 घर हैं। दो साल पहले इस कॉलोनी की सड़कों पर कूड़ा फैला रहता था। कई बार तो किसी के घर के सामने अगर कूड़ा पड़ा रहता था तो लोग इसको लेकर विरोध भी करने लगते थे। जब नगर निगम में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू हुआ तो कॉलोनी में कूड़ा उठाने वाले पहुंचना शुरू हुए, लेकिन फिर अचानक गायब हो गए। फिर कॉलोनी के लोगों ने घर का कूड़ा उठाने का एक समय निश्चित किया। अब स्थिति यह है कि सुबह 9 बजे के बाद कालोनी से कूड़ा गायब हो जाता है।

कालिंग

पहले बहुत खराब लगता था, लेकिन अब जैसे ही कूड़ा लेने वाला आता है और घंटी बजाता है, हम लोग कूड़ा दे देते हैं। शहर के हर मोहल्ले में और मोहल्ले के लोगों को सफाई कर्मियों को सहयोग करें तो कालोनी की गंदगी साफ हो जाएगी।

अंजू श्रीवास्तव, हाउसवाइफ व निवासी श्रीराम नगर