- गंगा बैराज पर फिर डूबे तीन दोस्त, मनाही के बाद भी पिकनिक मनाने गए थे, बैराज आने के लिए घर में बोला झूठ

- मरने वालों में दो परिवार के एकलौते चिराग, एक सिपाही का बेटा, बैराज पर पुलिस की चौकसी पर फिर उठे सवाल

- डूबने वालों में अनूप और शिवम दोनों पीपीएन कॉलेज में बीएससी सेकेंड इयर के छात्र थे

- कानपुर साइड पर बैराज के 'डेथ एंड सेल्फी प्वाइंट' पर बैरीकेटिंग के बाद बैराज के दूसरी तरफ जाते हैं यंगस्टर्स

-कल्लूपुरवा बन चुका है यंगस्टर्स का नया पिकनिक प्वाइंट, जहां न पुलिस की निगरानी न गोताखोर

KANPUR: अभी पिछले साल ही गंगा बैराज के डेथ प्वाइंट पर सेल्फी लेने के दौरान 7 दोस्तों की मौत हुई थी। वेडनसडे को फिर गंगा बैराज पर एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। डेथ प्वाइंट की बजाय बैराज के दूसरे छोर पर दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने पहुंचे 3 छात्रों की गंगा में डूब कर मौत हो गई। जबकि एक लड़के को बचा लिया गया। तीनों के शवों को हैलट इमरजेंसी लाया गया। मरने वालों में दो पीपीएन कॉलेज में बीएससी सेकेंड ईयर के छात्र हैं। इसके अलावा एक सिपाही का बेटा है। वहीं मौके पर मौजूद दोस्तों का आरोप है कि घटना के वक्त दो गोताखोर वहां मौजूद थे लेकिन उन्होंने मदद नहीं की। पुलिस के पहुंचने के पहुंचने के बाद उन्होंने शव निकाले।

घर से झूठ बोल कर निकले थे

मेहरबान सिंह का पुरवा निवासी शिवशंकर के चार बेटों में तीसरे नंबर का बेटा संजीव उर्फ अनूप(20)) पीपीएन कॉलेज में बीएससी सेकेंड ईयर का स्टूडेंट था। मंगलवार को वह जरौली फेस-2 निवासी व उन्नाव में तैनात सिपाही शिव मंगल सिंह के बेटे शिवम उर्फ दिग्विजय सिंह (18) और बाकी दोस्तों मोहित, अविनाश के साथ घूमने निकला था। शिवम भी पीपीएन कालेज में बीएससी का छात्र है। वहीं बर्रा-8 निवासी राजेश सिंह का बेटा विशाल सिंह(26) जोकि अनूप का दोस्त था, वह भी अपने दोस्तों हर्ष, अंशदेव, सचिन, साहिल व मोहसिन के साथ घर से रेव-3 में मूवी देखने की बात कहकर निकले थे। हर्ष के मुताबिक सभी रेव-3 पहुंचे भी लेकिन फिर प्लान चेंज हो गया और सभी गंगा बैराज के दूसरी तरफ कल्लूपुरवा में नहाने पहुंच गए

बचाने में गई जान

विशाल के दोस्त हर्ष के मुताबिक जब वह बैराज के दूसरी तरफ गंगा नहाने पहुंचे तो अनूप, शिवम अपने दोस्तों संग पहले ही नहा रहे थे। विशाल, सचिन, मोहसिन भी गंगा में नहाने के लिए कपड़े उतार कर कूद गए। इस दौरान वह कपड़े व मोबाइल देखने के लिए किनारे ही मौजूद था। सचिन थोड़ी देर में बाहर निकल आया। इस दौरान अनूप और शिवम डूबने लगे तो विशाल और मोहसिन उन्हें बचाने के लिए आगे बढ़े। उनको बचाने में ये भी गंगा में डूबने लगे। इस दौरान वहां मौजूद एक मछुवारे ने डंडे की मदद से मोहसिन को तो बचा लिया लेकिन विशाल, अनूप और शिवम के साथ ही डूब गया।

शव देख टूटा दुखों का पहाड़

कोहना पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तीनों के शव निकलवा कर हैलट इमरजेंसी भेजे। इस दौरान पुलिस ने एक-एक करके सभी के परिजनों को घटना की जानकारी दी। प्राइवेट नौकरी करने वाले विशाल के पिता राजेश सबसे पहले पहुंचे। एकलौते बेटे का शव देख उनकी चीख निकल गई और वह फर्श पर गिर गए। घटना की जानकारी पर उन्नाव सीओ सिटी के ऑफिस में तैनात सिपाही शिव मंगल सिंह भी हैलट पहुंचे। पहले तो वह अपने एकलौते बेटे शिवम के शव से चिपट कर रोए लेकिन बाद में खुद पर ही नाराजगी जताते हुए बोले कि हमेशा बोलता था बाहर नहीं जाना। जाना तो बता कर जाना। आज बताकर नहीं गया तो देखो उसकी लाश सामने है। वहीं अनूप का बड़ा भाई रवि भी हैलट पहुंचा तो उसे यकीन ही नहीं हुआ कि अनूप अब दुनिया में नहीं है। तीनों परिवारों के इस करूण क्रुंदन को सुन इमरजेंसी में मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गई।

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डेथ प्वाइंट बंद तो दूसरी तरफ जमावड़ा

गंगा बैराज पर पिछले साल 7 लड़कों की डेथ प्वाइंट पर मौत के बाद उसे तो जिला प्रशासन ने 1.51 करोड़ रूपए खर्च कर बंद करा दिया, लेकिन बैराज पर घूमने आने वाले यंगस्टर्स के लिए बैराज के दूसरी तरफ कल्लूपुरवा में नहाने के लिए नया स्पॉट बन चुका है। गंगा बैराज पर सेल्फी और नहाना दोनों पर प्रतिबंध के एक साल बाद हालात फिर से पुराने ढर्रे पर हैं। गंगा बैराज के दोनों तरफ पुलिस चौकी व चेकप्वाइंट है, लेकिन कल्लूपुरवा में निगरानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। गोताखोर भी ज्यादातर बैराज में सेल्फी प्वाइंट की तरफ ही रहते हैं।

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22 जून 2016- बैराज पर सेल्फी लेते 7 दोस्त डूबे, सभी की मौत

17 मई 2015- बैराज पर नहाने गए दो दोस्त डूबे

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