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- ठंड की अनदेखी स्वास्थ्य के लिए हो सकती है खतरनाक

- ठंड के कारण गले में टॉन्सिल और कान में संक्रमण का हो सकता है खतरा

GORAKHPUR: ठंड में यदि आप शौकिया गले और कान को न ढंकने के आदी हैं तो जरा सावधान हो जाएं। क्योंकि यह शौक आपको भारी पड़ सकता है। गले में हमेशा खरास और कान में तेज दर्द की अक्सर होने वाली समस्या को सामान्य न समझें। इससे गले में टॉन्सिल, कान में संक्रमण या बहरापन भी हो सकता है। इससे बचने के लिए हमेशा ऊनी कपड़ों में ही बाहर निकलें और किसी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

न करें नजरअंदाज

इस मौसम में अमूमन गला काट की तरह चुभन, खिचखिच और बोलने में तकलीफ जैसी समस्या होती है। वहीं सर्दी, जुकाम की वजह से कान के मध्य भाग में पानी या मवाद जमा हो जाता है। जिसकी वजह से सुनाई देने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसा बैक्टीरिया या वायरस की वजह से होता है। वहीं गले में कई बार एलर्जी और धुम्रपान की वजह से ऐसा होता है। गले में होने वाली समस्या खुद तो खुद भी ठीक हो जाती है लेकिन इस दौरान कुछ ऐसी पेरशानी होती है जिससे आवाज भी बदल जाती है। आमतौर पर लोग गले की खरास को अनदेखी कर देते हैं लेकिन गले की परेशानी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

लक्षण

- गले और कान में तेज दर्द होना।

- गले में चुभन होना।

- कान में पानी या मवाद का भर जाना।

- गले के साथ कनपटी तक दर्द होना।

- जबड़ा खोलने में परेशानी होना।

- कान में दिक्कत होना, निगलने में परेशानी।

- हल्की खांसी व गले में खरास महसूस होना।

यह करें बचाव

- गले व कान में दर्द हो तो ज्यादा बोलें या चिल्लाएं नहीं।

- धूल, प्रदूषण, धुएं आदि से दूर रहें।

- जूठा खाना न खाएं साथ ही जूठे बर्तनों में भी न खाएं।

- गुनगुने पानी में नमक डालकर गलाला करें।

- ठंड में बाहर निकल रहे हैं तो इस दौरान कान, नाक, गला ढंक कर निकलें।

- धूम्रपान के सेवन से बचें।

- गले व कान की सिकाई करें।

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एलर्जी वाले अधिक सचेत रहें

ईएनटी विशेषज्ञ डॉ। एनपी जायसवाल ने बताया कि गले की दिक्कत आमतौर पर वायरस व बैक्टीरिया के कारण होता है। इस वजह से गले में खुजली, खरास और आवाज में बदलाव हो सकता है। कई बार बोलने और सांस लेने में भी दिक्कत होती है। जिन मरीजों में एलर्जी की शिकायत होती है उन्हें ठंड के मौसम में विशेष रूप से सचेत रहना चाहिए। नहीं तो एलर्जी की वजह से उपरोक्त लक्षण जल्द आ सकते हैं। कान से निकलने वाली यूटेशियन ट्यूब कई बार सर्दी होने से ब्लॉक हो जाती है। सर्दी, जुकाम के कारण कई बार कान के मध्य भाग में पानी या मवाद एकत्र हो जाता है। जिससे कान में तेज दर्द व भारीपन होता है। इससे कभी-कभी कान के पर्दे में छेद हो जाता है और सुनाई देने की क्षमता में कमी आ जाती है। इतना ही नहीं संक्रमण होने की दशा में भी पेशेंट को चक्कर आने, या कान की नस प्रभावित होने से अचानक बहरापन की समस्या हो सकती है। यदि ऐसा कुछ भी हो तो तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से परामर्श लेनी चाहिए।