- Roadways buses में लगेगा electronic toll payment system

- Toll plaza पर automatic हो जाएगा भुगतान, वाहनों की कतार में नहीं फंसेगी bus

GORAKHPUR: यूपी रोडवेज भी अब हाईटेक होने की रेस में शामिल हो गया है। इसी क्रम की कोशिशों में रोडवेज ने एक नई पहल की है। जल्द ही यहां की बसों में इलेक्ट्रानिक टोल भुगतान सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है। इससे टोल प्लाजा पर बसों का टोल टैक्स ऑटोमेटिक ही पहले से जुड़े रोडवेज के बैंक अकाउंट से कट जाएगा। इसके चलते जहां बसों को लंबी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। वहीं, बैंक से मिलने वाले 10 परसेंट डिस्काउंट से रोडवेज को हर महीने लगभग दो लाख रुपए की बचत भी होगी।

Bus देखते ही खुलेगा gate

अधिकारियों के मुताबिक एमडी रोडवेज के निर्देश पर बसों में इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम लगवाया जा रहा है। इसके लिए परिवहन निगम का भारतीय स्टेट बैंक से करार भी हो गया है। मिली जानकारी के मुताबिक यह सिस्टम सीधा रोडवेज के बैंक अकाउंट से जुड़ा रहेगा और टोल प्वॉइंट पर पहुंचते ही टैक्स ऑटोमेटिक इसी अकाउंट से कट जाएगा। इसके लिए बसों को सामान्य लेन में लाइन में भी नहीं लगना होगा। साइड लेन के गेट के पास पहुंचते ही टैक्स डिडक्ट हो जाएगा और गेट अपने आप ही खुल जाएगा।

हर महीने बचेंगे दो लाख

वहीं, इस सिस्टम पर रोडवेज को बैंक की ओर से दस परसेंट की रियायत भी मिलेगी। गोरखपुर रीजन में रोडवेज के पास 699 बसें हैं। इनमें से 449 बसें अनुबंधित हैं तो 250 बसें परिवहन निगम की हैं। रोडवेज हर महीने सिर्फ गोरखपुर रीजन में ही करीब 20 लाख रुपए टोल टैक्स चुकाती है। लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम से भुगतान करने पर निगम को मिलने वाली रियायत से हर महीने दो लाख रुपए की बचत होगी।

सफर में भी नहीं होगी देर

इस सिस्टम का पैसेंजर्स को भी सीधा फायदा होगा। अभी तक टोल प्लाजा पर कई बार वाहनों की लगी लंबी लाइन की वजह से बसें काफी देर तक रुकी रहती हैं। जगह-जगह टोल टैक्स चुकाने के चक्कर में बसों की टाइमिंग पर भी असर पड़ता है। लेकिन अब ये समस्या खत्म हो जाएगी। ऑटोमेटिक टोल टैक्स भुगतान से बसें आराम से टोल प्लाजा से निकल सकेंगी। जिसके चलते टोल पेमेंट में लगने वाले अतिरिक्त समय का बोझ पैसेंजर्स के सफर पर नहीं पड़ेगा।

वर्जन

रोडवेज की सभी बसों में इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब टोल टैक्स सीधा निगम के बैंक अकाउंट से ही कट जाएगा। इसमें मिलने वाली रियायत से बचत होगी ही। साथ ही इससे बसों की टाइमिंग भी खराब नहीं होगी।

- एसके राय, आरएम रोडवेज