- अमेठी के जामो स्थित ग्राम कटारी की घटना

- सुसाइड नोट में खुद की किस्मत को बताया दोषी

LUCKNOW :

शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद अमेठी के जामो निवासी शिक्षामित्र ने सल्फास खाने के बाद नाले में कूदकर सुसाइड कर लिया। पुलिस ने शव के करीब सुसाइड नोट बरामद किया, जिसमें उसने खुद की किस्मत को इसके लिये दोषी ठहराया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।

सहायक अध्यापक में हो चुका था समयोजित

अमेठी के जामो निवासी महेश कुमार दिव्यांग था। वह ग्राम सभा कटारी अंतर्गत हरदासपुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर नियुक्त हुआ था। वर्ष 2014 में महेश कुमार सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित हो गया था। पर, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो वर्ष या दो बार की टीईटी परीक्षा को उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से महेश कुमार को नौकरी जाने का खतरा नजर आने लगा। परिजनों के मुताबिक, कोर्ट के आदेश के बाद महेश खासा डिप्रेशन में चल रहा था और गुमसुम रहने लगा। न तो वह परिजनों से भी बात नहीं कर रहा था और न ही खाना ही खा रहा था।

सल्फास खाकर नाले में कूदा

बीती रात महेश ने पहले सुसाइड नोट लिखकर सल्फास खाया और उसके बाद गांव के बाहर स्थित नाले में छलांग लगा दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सुबह नाले की पुलिया से गुजरे लोगों ने वहां लाश पड़ी देख पुलिस को इसकी सूचना दी। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकलवाया तो उसकी शिनाख्त महेश कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने उसकी जेब से जिलाधिकारी अमेठी को संबोधित सुसाइड नोट बरामद किया। सुसाइड नोट में उसने मौत के लिये खुद की किस्मत को दोषी बताया। साथ ही उसने मौत के बाद अपने नाम की सारी संपत्ति व जायदाद छोटे भाई को देने की गुजारिश की है।