-आरयू के हॉस्टल में रूम्स की खिड़कियों के शीशे टूटे होने से परेशानी

चीफ वार्डन ने खिड़कियों पर शीशे लगवाने के लिए रजिस्ट्रार को लिखा लेटर

<-आरयू के हॉस्टल में रूम्स की खिड़कियों के शीशे टूटे होने से परेशानी

चीफ वार्डन ने खिड़कियों पर शीशे लगवाने के लिए रजिस्ट्रार को लिखा लेटर

BAREILLYBAREILLY: आरयू के ग‌र्ल्स हॉस्टल में छात्राओं को यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही के चलते ठंड में परेशानी झेलनी पड़ रही है। दरअसल, हॉस्टल के जिन रूम्स में छात्राएं रहती हैं, उनमें ज्यादातर की खिड़कियों के शीशे टूटे हैं। ऐसे में, छात्राओं को ठंड के साथ मच्छरों के डंक का दंश सहना पड़ रहा है। जबकि, इस संबंध में छात्राओं की कंप्लेन पर क्भ् दिसंबर को चीफ वार्डन ने व्यवस्था में सुधार के लिए रजिस्ट्रार को लेटर लिखा था, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।

फ्00 हैं हॉस्टलर्स

यूनिवर्सिटी के ग‌र्ल्स हॉस्टल में करीब फ्00 छात्राएं रहती हैं। इन्हें यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की बदइंतजामी के चलते परेशानी झेलनी पड़ रही है। खिड़कियों में शीशे नहीं हैं। इस कारण ठंड में हॉस्टलर्स सर्द रातों में चैन की नींद नहीं सो पा रही हैं। टूटे शीशों होने से रही सही कसर मच्छर पूरी कर दे रहे हैं। मच्छर के डंक और ठंड की वजह से करीब आधा दर्जन हॉस्टलर्स बुखार, सर्दी-जुकाम की अपनी चपेट में हैं। बता दें कि गत क्भ् दिसंबर को जब हॉस्टलर्स ने चीफ वार्डन से प्रॉब्लम के बारे में बताया तो उन्होंने रजिस्ट्रार को लेटर लिखा। बावजूद इसके हॉस्टलर्स की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

खिड़कियों में शीशे नहीं हैं। जाली भी जगह-जगह से टूटी हुई है। इस कारण छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में रजिस्ट्रार को लेटर लिखा गया है।

डॉ। निवेदिता श्रीवास्तव, चीफ वार्डन