1991 में इलाहाबाद में केवल तीन सीटों पर खिला था कमल

पहली बार आठ सीटों पर विजयी हुए हैं भाजपा प्रत्याशी

ALLAHABAD: 1991 में हिंदुत्व और राम नाम के सहारे भाजपा ने पहली बार उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ कमल खिलाया था। 221 सीट के साथ भाजपा की सरकार बनी थी। लेकिन इस बार 2017 में मोदी लहर तो राम लहर से भी आगे निकल गई। 1991 में जहां इलाहाबाद की तीन विधानसभा सीटों पर कमल खिला था, वहीं पहली बार इलाहाबाद की आठ विधानसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों ने डंका बजाया है।

ग्रामीण इलाकों में नहीं थी लहर

राम लहर के सहारे चुनाव की वैतरणी पार करते हुए भाजपा ने 1991 में 221 सीटों के साथ सरकार बनाई थी। कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पूरे प्रदेश में हिंदुत्व और राम मंदिर का जबर्दस्त मुद्दा रहने के बाद भी इलाहाबाद में केवल तीन सीट ही भाजपा के खाते में आई थी। अन्य सीटों पर भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी। जिसमें फूलपुर सीट पर जनता पार्टी के प्रत्याशी रमाकांत यादव की जीत हुई थी। यहां भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र कुमार चौथे पोजिशन पर थे। करछना सीट से जनता दल प्रत्याशी रेवतीरमण की जीत हुई थी। वहीं बारा सीट से बीएसपी प्रत्याशी रामसेवक सिंह चुनाव जीते थे। झूंसी में भी कमल नहीं खिल सका था। यहां जनता दल प्रत्याशी महेंद्र प्रताप सिंह विजयी हुए थे। हंडिया में भी जनता दल के बृजभान यादव, प्रतापपुर में विक्रम जीत मौर्य और सोरांव से भोला सिंह विजयी हुए थे। शहर पश्चिमी में भी भाजपा को जबर्दस्त हार मिली थी। जहां बाहुबली विधायक अतीक अहमद निर्दलीय के रूप में चुनाव जीते थे।

केवल यहां मिली थी सफलता

नवाबगंज में हिंदुत्व और राम नाम लहर का असर दिखा था। भाजपा प्रत्याशी प्रभाशंकर पांडेय विजयी हुए थे। शहर उत्तरी सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र कुमार सिंह ने जनता दल के प्रत्याशी अनुग्रह नारायण सिंह को हराते हुए विजय हासिल किया था। भाजपा के दिग्गज नेता केशरीनाथ त्रिपाठी ने शहर दक्षिणी में कमल खिलाया था। जनता दल के प्रत्याशी रामजी केसरवानी को टक्कर दी थी।

मोदी लहर में मिली आठ सीटें

2017 के चुनाव की बात करें तो इलाहाबाद में भाजपा को अकेले दम पर आठ सीट और अपना दल के साथ कुल नौ सीट मिली हैं। इनमें फाफामऊ से विक्रम जीत, सोरांव से जमुना प्रसाद, फूलपुर से प्रवीण पटेल, मेजा से नीलम करवरिया, शहर पश्चिमी से सिद्धार्थनाथ सिंह, शहर उत्तरी से हर्षवर्धन बाजपेयी, शहर दक्षिणी से नंद गोपाल गुप्ता नंदी, बारा से अजय कुमार, कोरांव से राजमनी कोल ने कमल खिलाया है।