- सीबीएसई की तर्ज पर बोर्ड एग्जाम के पहले स्टूडेंट्स की होनी थी काउंसलिंग

- चयनित ही नहीं हुए काउंसलर्स, हेल्पलाइन नंबर भी नहीं किया जारी

GORAKHPUR: यूपी बोर्ड खुद को सीबीएसई की तर्ज पर लाने के लिए योजनाएं बनाने में तो आगे है लेकिन उसे अमल में लाना ही भूल जाता है। इस बार यूपी बोर्ड ने सीबीएसई की ही तरह बोर्ड एग्जाम के फीवर से स्टूडेंट्स को मुक्ति दिलाने के लिए काउंसलिंग की योजना बनाई। सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिल रहा है लेकिन यूपी बोर्ड ने काउंसलिंग के लिए काउंसलर ही नियुक्त नहीं किया। यही नहीं, बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर तक शुरू नहीं किया।

बोर्ड एग्जाम से डरते हैं स्टूडेंट्स

9वीं तक आराम से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स अचानक बोर्ड एग्जाम के नाम से ही प्रेशर में आ जाते हैं। अपने ही स्कूल्स में एग्जाम देते आ रहे स्टूडेंट्स को जब पता चलता है कि अब उन्हें किसी और केन्द्र पर बोर्ड एग्जाम देना है तो वे परेशान हो जाते हैं। यही नहीं, उन पर पैरेंट्स का भी बेहतर परफॉर्मेस के लिए काफी प्रेशर होता है, जिससे बच्चे प्रेशर में आ जाते हैं। इस तरह की दिक्कतों को दूर करने के लिए ही बोर्ड एग्जाम से पहले स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की जरूरत महसूस करते हुए सीबीएसई ने योजना लाई। सीबीएसई में योजना चल भी गई। यूपी बोर्ड ने सीबीएसई की इस योजना की कॉपी तो की लेकिन फेल रहा।

फरवरी फ‌र्स्ट वीक से देनी थी काउंसलिंग

यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की काउंसलिंग फरवरी फ‌र्स्ट वीक से ही की जानी थी। स्टूडेंट्स की काउंसलिंग के लिए सिटी लेवल पर पांच काउंसलर्स चुने जाने थे। अब फरवरी खत्म होने को है और अभी तक बोर्ड की ओर से काउंसलर ही नहीं सेलेक्ट हुए तो काउंसलिंग कहां से होगी।

सिटी में चुने जाने थे पांच काउंसलर

स्टूडेंट्स की काउंसलिंग के लिए सिटी से ही पांच काउंसलर को सेलेक्ट किया जाना था। इनका सेलेक्शन डीआईओएस लेबल पर होना था। अब एग्जाम नजदीक है लेकिन विभाग में स्टूडेंट्स की काउंसलिंग के लिए काउंसलर नहीं ढूंढे जा सके हैं।

सिटी लेवल पर हेल्पलाइन भी नहीं

इस योजना के तहत सिटी लेबल पर एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करना था। इस नंबर पर आने वाले स्टूडेंट्स के कॉल्स को काउंसलर्स को ट्रांसफर करनी थी। लेकिन गोरखपुर में तो इस योजना पर चर्चा तक नहीं हुई।

वर्जन

चुनाव के चलते कई योजनाएं परवान नहीं चढ़ सकीं। ज्यादातर कर्मचारी और शिक्षक चुनाव कार्य में लगे हुए हैं, इससे दिक्कतें आ रही हैं।

ए.एन। मौर्य, डीआईओएस, गोरखपुर