- गठबंधन की शर्तो के मुताबिक सपा को मिलनी हैं 298 सीटें

- कांग्रेस भी घोषित कर चुकी है 43 टिकट, जल्द आएगी दूसरी लिस्ट

- कांग्रेस के दावे वाली सीटों पर सपा प्रत्याशियों का नामांकन भी टला

LUCKNOW:कांग्रेस से गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी ने बीते चौबीस घंटे के दौरान 116 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे जबकि इससे पहले 208 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गये थे। इससे साफ है कि पार्टी ने गठबंधन की शर्तो के मुताबिक ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशियों को टिकट दिया है लिहाजा उसे करीब 26 सीटों पर अपने पांव वापस खींचने होंगे। ये सीटें सीधे तौर पर कांग्रेस के खाते में जाएंगी। ज्यादातर सीटें पश्चिमी उप्र की होने की वजह से कई जगहों पर सपा प्रत्याशियों को अभी नामांकन करने से रोका भी गया है। वहीं आगामी 24 घंटे के भीतर सपा और कांग्रेस को इस मसले का हल निकालना होगा क्योंकि पहले फेज के नामांकन मंगलवार तक होने है।

लखनऊ पूर्वी सीट पर भी संशय

सपा-कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे में लखनऊ पूर्वी की सीट भी फंसती दिख रही है। यहां सपा ने पहले श्वेता सिंह को प्रत्याशी घोषित किया था। बाद में यह चर्चा रही कि इस सीट पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की पत्‍‌नी अमिता सिंह चुनाव लड़ेंगी हालांकि अमिता अमेठी सीट से दावेदारी कर रही हैं। यह सीट मंत्री गायत्री प्रजापति को दी जा चुकी है। फिलहाल लखनऊ, अमेठी और रायबरेली की कुछ सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान जारी है। कांग्रेस के खाते में लखनऊ कैंट सीट भी आनी थी लेकिन रीता बहुगुणा जोशी के भाजपा ज्वाइन करने से दावेदारी कमजोर पड़ गयी। वहीं भाजपा ने रीता जोशी को इस सीट से टिकट दे दिया है। वहीं अखिलेश ने भी अपर्णा यादव को प्रत्याशी घोषित किया है। इन हालात में यूपी चुनाव में लखनऊ कैंट सीट में सबसे रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।

कौमी एकता दल फिर किनारे

गठबंधन के बाद सपा का हिस्सा बना कौमी एकता दल फिर हाशिए पर दिख रहा है। सपा ने अभी तक कौएद को एक भी सीट नहीं दी है। पार्टी सूत्रों की माने तो जिन सीटों पर कौएद टिकट मांग रहा था, वह अब कांग्रेस को दी जा सकती हैं। इसके बाद कौएद नेताओं को फिर अपने बैनर तले ही चुनाव मैदान में उतरना होगा। अभी तक संभावना जताई जा रही थी कि कौएद विधायक सिगबतुल्लाह अंसारी को सपा टिकट दे सकती है। वहीं मुख्तार अंसारी के पुत्र को भी टिकट दिए जाने के आसार नहीं है। वहीं मुख्तार को सपा पहले ही टिकट देने से इंकार कर चुकी है।