- प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों का होना है जनता की अदालत में इम्तिहान

- सपा के गढ़ में होगा मतदान, सीटें छीनने की कोशिश में जुटे बाकी दल

- रामनगरी में भाजपा परचम लहराने की तैयारी में, सपा ने भी झोंकी ताकत

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मंत्रियों के जिम्मे 52 सीटें
पांचवे चरण के 11 जिलों की 52 सीटों पर सोमवार को होने वाले मतदान में प्रदेश सरकार के नौ मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। सपा सरकार में मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह गोण्डा की तरबगंज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अयोध्या से विधायक चुने गये पवन पांडेय दोबारा इसी सीट से अपना भाग्य आजमाने के साथ मंत्री होने की वजह से आसपास की कई अन्य सीटों के जिम्मेदार भी हैं। इसी तरह मंत्री शंखलाल माझी जलालपुर, मंत्री राममूर्ति वर्मा अकबरपुर, गायत्री प्रजापति अमेठी, जलालपुर से शंखलाल मांझी, मटेरा सीट पर यासर शाह, महादेवा सुरक्षित क्षेत्र से रामकरन आर्य तथा गैंसड़ी सीट से एसपी यादव को फिर से विधायक बनने को जोर-आजमाइश कर रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह हरैया से चुनाव लड़ रहे हैं। बहराइच सीट पर सपा को अपने ही असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं चुनावी जानकारों की माने तो अंबेडकरनगर और अमेठी की सीटों पर होने वाली चुनावी लड़ाई कई नेताओं के साथ दलों के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है। अंबेडकरनगर में पिछले कई महीनों से जारी सांप्रदायिक तनाव चुनाव में कोई बड़ा उलटफेर कर सकता है तो अमेठी के नतीजे सपा-कांग्रेस गठबंधन के भविष्य को तय कर सकते हैं।

 

जनता के दरबार में राजघराने
पांचवे चरण में कई राजघराने भी चुनाव मैदान में हैं। सबसे दिलचस्प मुकाबला अमेठी सीट पर कांगे्रस सांसद संजय सिंह की दोनों पत्नियों गरिमा सिंह और अमिता सिंह के बीच है। इसी सीट से मंत्री गायत्री प्रजापति भी सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। खनन घोटाला और बलात्कार के आरोपों से घिरे गायत्री प्रजापति को जनता कितना पसंद करती है, यह सोमवार को मतदान में तय हो जाएगा। इसके अलावा सपा-कांग्रेस गठबंधन की असली परीक्षा भी यहां होनी है। वहीं 'भूपति' राजघराने की लड़ाई में जनता किस 'रानी' का साथ देगी, यह भी ईवीएम में कैद होने में चंद घंटे बाकी हैं। इसी तरह शोहरतगढ़ सीट पर राजा रवींद्र प्रताप सिंह उर्फ पप्पू चौधरी, बस्ती स्टेट के राजा ऐश्वर्य राज सिंह, परसापुर स्टेट के योगेश प्रताप सिंह, बांसी स्टेट के राजकुमार जयप्रताप सिंह भी विधानसभा की चौखट को चूमने के लिए घर-घर जाकर वोट मांग चुके हैं।

 

बाहुबलियों का रहेगा जोर
इस चरण में बाहुबली नेताओं और उनके करीबियों का भी जोर भी देखने को मिलेगा। भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण भाजपा के टिकट पर विधायक बनने की दावेदारी कर रहे हैं। यह सीट ब्रजभूषण शरण के लिए प्रतिष्ठा का सबब बन चुकी है। वहीं सुल्तानपुर में बाहुबली यशभद्र सिंह उर्फ मोनू सिंह रालोद के टिकट पर विधानसभा जाने को बेताब है। संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड के मुख्य आरोपी यशभद्र सिंह का इस इलाके में खासा दबदबा है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआरर) की रिपोर्ट की माने तो पांचवे चरण में हर पांचवा प्रत्याशी दागी छवि का है। इनमें मेंहदावल से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अनिल कुमार त्रिपाठी, बीकापुर से बसपा प्रत्याशी जितेंद्र कुमार सिंह बबलू, तुलसीपुर से लोकदल प्रत्याशी महबूब आलम, गोण्डा से निर्दलीय प्रत्याशी रुपेश श्रीवास्तव, कटेहरी से निर्दलीय प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह, तिलोई से बसपा प्रत्याशी मोहम्मद सऊद, गैसड़ी से निर्दलीय प्रत्याशी अनुराग और भाजपा प्रत्याशी शैलेश कुमार सिंह और गोसाईगंज से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे इंद्रप्रताप सिंह उर्फ खब्बू तिवाराी टॉप टेन दागी प्रत्याशियों में शामिल हैं।

 

तीन जिलों में मुस्लिमों की भूमिका अहम
पांचवे चरण के तीन जिलों में मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका भी अहम है। बलरामपुर जिले में करीब 38 फीसद मुस्लिम वोटर हैं तो बहराइच में इनकी तादाद 36 फीसद है। इसी तरह सिद्धार्थनगर में 30 फीसद मुस्लिम वोट बैंक चुनावी समीकरण बदल सकता है। पांचवे चरण में बसपा ने 18 और सपा-कांग्रेस गठबंधन ने दस मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। देवीपाटन मंडल की हर सीट पर पचास हजार से लेकर एक लाख तक मुस्लिम मतदाता हैं जो चुनाव में बड़ा उलटफेर करने का माद्दा रखते हैं। अयोध्या में बसपा ने एकमात्र मुस्लिम प्रत्याशी बज्मी सिद्दीकी को टिकट देकर चुनाव को नया मोड़ दे दिया है। वहीं भाजपा ने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है जिसका असर इस फेज में भी देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि इस पूरे इलाके में पिछले कुछ सालों के दौरान हिंदू वाहिनी का दखल भी बढ़ा है लिहाजा चुनाव के दौरान धु्रवीकरण की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। वहीं तराई के इलाकों में बसपा ने कौमी एकता दल के अफजाल अंसारी की जनसभाओं के जरिए मुस्लिम मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कवायद भी की है।

 

इन जिलों में होना है मतदान
बलरामपुर, गोण्डा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर तथा रायबरेली।

 

पांचवें चरण के संवेदनशील क्षेत्र
गौरा, गैसयारी, अयोध्या, हरैया, रुदौली, तरबगंज, मेंहदावल, गोण्डा, सुल्तानपुर सदर, बस्ती सदर, बीकापुर, कटरा बाजार, पयागपुर, तिलोई, गोसाईगंज, मेहनौन, महसी, तुलसीपुर, कटेहरी, बहराइच, शोहरतगढ़ और टांडा। गौरतलब है कि इन क्षेत्रों में सात से लेकर तीन तक दागी प्रत्याशी आमने-सामने हैं।

 

फैक्ट फाइल
- 11 जिलों की 52 सीटों पर सोमवार को होगा मतदान

- 1.84 करोड़ मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग

- 96 लाख महिलाएं भी विधायक चुनने को देंगी वोट

- 7 फीसद महिला प्रत्याशियों को ही मिला टिकट

- 9 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के मामले

- 8 फीसद के खिलाफ महिला हिंसा के केस

- 27 फीसद करोड़पति प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में

 

2012 के नतीजे
सपा- 37

भाजपा- 5

कांग्रेस- 5

बसपा-3

पीस पार्टी-2