- यूपी बोर्ड में एग्जाम सेंटर पर सीसीटीवी की जरुरत नहीं

- बोर्ड ने स्कूलों की आर्थिक स्थिति को लेकर किया है विचार

- सरकार की ओर से नहीं है कोई अलग बजट

Meerut यूपी बोर्ड के एग्जामिनशेन सेंटर पर अब सीसीटीवी न लगने से नकलमाफियों को बढ़ावा मिलने की आशंका है। अब बोर्ड ने अपने दिए हुए निर्देश को वापस ले लिया है, जिसके चलते सीसीटीवी लगाने की बाध्यता नहीं होगी। बोर्ड ने सरकार की तरफ से कोई बजट न मिलने व स्कूलों के विरोध के कारण ही कैमरों को लगाने की जरुरत खत्म कर दी है।

पिछले साल था आदेश

बोर्ड के इस साल की दसवीं व इंटर की परीक्षा के लिए केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरु होने के साथ ही यह साफ हो गया है। इस बार कैमरे लगाने और न लगाने केंद्रों पर ही निर्भर होगा। पिछले साल 21 नवंबर को तत्कालीन प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा ने सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया था। उनके इस आदेश के बाद बोर्ड की अध्यक्ष शकुंतला देवी यादव ने भी सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का संकेत दिया था। हालांकि परीक्षा शुरु होने के तीन सप्ताह पहले इस प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

ऑनलाइन पंजीकरण

बोर्ड के सूत्रों के अनुसार परीक्षा केंद्र बनाने और परीक्षार्थियों के ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इस बार भी सरकार की तरफ से केंद्रों में सीसीटीवी लगाने व कंट्रोल रुम बनाने का काई आदेश नहीं मिल पाया है। इसका कारण देहात में दूर दराज के इलाकों में परीक्षा केंद्रों का होना बताया जा रहा है। कई परीक्षा केंद्र ऐसे होते हैं जहां बिजली तक नहीं होती हैं। ऐसे केंद्रों में सीसीटीवी लगाना संभव न होता। वहीं अधिकांश स्कूल इसका खर्च उठाने को तैयार नहीं है।

कैमरे लगाने के लिए बोर्ड में भी कोई अलग से बजट नहीं है, फिलहाल अभी इसके बजट की संभावना भी नहीं है।

-संजय यादव, बोर्ड सचिव