कठुआ और उन्नाव की घटना पर यूपीपीएससी की टॉपर नूरजहां की बेबाक राय

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: इन दिनो कठुआ और उन्नाव में गैंगरेप की वारदात ने पूरे देश को हिला रखा है। देश के अलग अलग हिस्सों में इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। धर्मनगरी इलाहाबाद भी इसमें शामिल है। सोशल नेटवर्किंग के माध्यम फेसबुक, ट्वीटर से लेकर वाट्सएप पर लोग अपने तरीके से विरोध जता रहे हैं। ऐसे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कम्बाइंड लोअर सबआर्डिनेट 2015 की टॉपर नूरजहां (26 वर्ष) से इस मुद्दे पर बात की और उन्होंने इस खुलकर अपना पक्ष रक्षा।

कठुआ और उन्नाव की वारदातों को किस रुप में देखती हैं?

नूरजहां: बेहद ही शर्मनाक घटनाएं हैं। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।

दोषियों पर क्या कार्रवाई होनी चाहिये?

नूरजहां: खाड़ी देशों में रेप के विरुद्ध सख्त कानून है। हमारे देश में भी मृत्युदंड से कम सजा नहीं मिलनी चाहिये।

समाज पर इसका क्या और कितना असर देखती हैं?

नूरजहां: लोगों की मानसिकता पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। खासकर, ऐसे कम पढ़े लिखे परिवार जो बेटियों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनमें ऐसी घटनाओं के बाद भय व्याप्त हो जाता है और वे अपने कदम पीछे खींचना शुरु कर देते हैं।

इस गंभीर मसले पर देश में उपजी सियासत को किस रुप में देखती हैं?

नूरजहां: राजनीति और नेताओं की बात तो करिए ही नहीं। ऐसे गंभीर मसलों पर लाभ लेने की राजनीति नहीं होनी चाहिये। इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला।

कुछ लोग रेपकांड के देशव्यापी विरोध को सोशल मीडिया ब्रांडिंग का परिणाम बता रहे हैं?

नूरजहां: सोशल मीडिया समर्थन या विरोध का बड़ा माध्यम बनकर उभरा है। लेकिन रेप रेप ही होता है। यह कहीं भी हो। इसका विरोध स्वत:स्फूर्त होना चाहिये।

क्या ऐसी घटनाओं के व्यापक विरोध से अवेयरनेस आएगी या समाज पीछे की ओर जायेगा?

नूरजहां: मेरे हिसाब से अवेयरनेस ही आयेगी। लेकिन विरोध स्तरीय होना चाहिये।

सरकार से आपको क्या उम्मीदें हैं?

नूरजहां: पीएम ने कहा है न्याय होगा और पूरा होगा। इस पर हमें भरोसा करना चाहिये। सरकार कड़े कानून लाने की बात कर रही है।