कलेक्ट्रेट में 80 हजार रुपए में चपरासी की नौकरी लगवाने का दिया था झांसा

यूपी 100 पीआरवी ने किया कोतवाली के हवाले, पुलिस ने करा दिया समझौता

BAREILLY:

कलेक्ट्रेट में चपरासी की नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले परिवहन निगम के बस ड्राइवर को पुलिस ने मंडे को कोतवाली थाना अंतर्गत बिहारीपुर में पकड़ा। ठगी के शिकार हुए पीडि़त की सूचना पर यूपी 100 की पीआरवी 0149 ने ड्राइवर को कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और पैसों के लेनदेन का विवाद बनाकर समझौता करा दिया। पुलिस ने पीडि़त के रुपए वापस दिलाकर और ड्राइवर को बिना पूछताछ के छोड़ दिया। जबकि इस मामले में एसएसआई अजय सिंह को ड्राइवर को छुड़ाने पहुंचे एक शख्स ने देख लेने की धमकी दी थी। एसपी सिटी ने मामले में कार्रवाई की बात कही है।

वेल्डर ने कराई ड्राइवर से मुलाकात

मोहम्मद आसिफ खान मीरानपुर कटरा शाहजहांपुर का रहने वाला है। आसिफ वेल्डिंग का काम करता है। जबकि उसका दोस्त आदेश परिवहन निगम में वेल्डर का काम करता है। आदेश ने आसिफ से कहा था कि वह एक ड्राइवर को जानता है, जो उसकी परिवहन निगम में कंडक्टर की नौकरी लगवा देगा। आदेश के जरिए ही वह तिलक कालोनी, सुभाषनगर निवासी संविदा ड्राइवर श्यामबाबू से मिला था। श्यामबाबू ने उसे लालच दिया कि वह परिवहन निगम में कंडक्टर और कलेक्ट्रेट में चपरासी की नौकरी लगवा देगा। कंडक्टर की नौकरी के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए और चपरासी की नौकरी के लिए 80 हजार रुपए लगेंगे।

5 हजार लिए थ्ो एडवांस

आसिफ ने बताया कि उसने चपरासी की नौकरी के लिए हामी भर दी। श्यामबाबू ने उससे फार्म भरवाने के नाम पर सैटरडे 5 हजार रुपए ले लिए। यही नहीं संडे को उससे 2100 रुपए और मंगाए। जब उसने भाई को बताया तो समझ आ गया कि वह ठगे जा रहे हैं। जब वह संडे को बिहारीपुर में रुपए देने के लिए पहुंचे तो उन्होंने श्यामबाबू से अपने 5 हजार रुपए वापस मांगे और नौकरी न करने की बात कही। इस पर ड्राइवर ने रुपए देने से मना कर दिया तो आसिफ ने यूपी 100 को सूचना दे दी। यूपी 100 पकड़कर ड्राइवर को कोतवाली ले गई तो वह पुलिस के सामने ही आराम से अपने जानने वालों को फोन करता रहा।

भाई की भी नौकरी लगवा चुका है

श्यामबाबू ने बताया कि वह बरेली डिपो में संविदा पर ड्राइवर है। उसने अपने भाई अनिल की भी नौकरी संविदा पर कंडक्टर के तौर पर हरदोई डिपो में लगवाई थी। इसके लिए उसने बाबू सुरेंद्र को 40 हजार रुपए दिए थे। उसने आसिफ की नौकरी कलेक्ट्रेट में लगवाने के लिए कलेक्ट्रेट के बाबू शंकर से संपर्क किय था। शंकर ही नौकरी लगवाते हैं।

पीआरवी पकड़कर लायी थी, पैसों का लेनदेन बताया जा रहा है। दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया इसलिए ड्राइवर को जाने दिया।

गीतेश कपिल, एसएचओ कोतवाली

ठगी का मामला गंभीर है। यदि पुलिस ने ठग को पकड़ा था और समझौता कराकर छोड़ दिया है तो मामले में जांच कराई जाएगी।

रोहित सिंह सजवान, एसपी सिटी बरेली