दक्षिणी चीन सागर है विवादित
चीन ने अपने लड़ाकू विमानों की दक्षिणी चीन सागर के उसी स्थान पर तैनाती की है जहां पहले उसने सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइलों की तैनाती की थी। गौरतलब है कि विवादित दक्षिणी चीन सागर पिछले चालीस साल से भी अधिक समय से चीन के नियंत्रण में है लेकिन इस पर ताईवान और वियतनाम भी दावे करते हैं। इसके चलते
दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच वाक्युद्ध तेज हो रहा है। इस विवादित क्षेत्र में चीन के कब्जे पर अमेरिका द्वारा नाइत्तेफाकी जताए जाने का जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने पूछा था, वह (अमेरिका) हवाई द्वीप पर क्या कर रहा है ?
अमेरिका का कहना चीन का नहीं है विवादित क्षेत्र
मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हवाई द्वीप विवादित इलाका नहीं है। किसी भी देश ने उस पर अधिकार होने की बात नहीं कही है। अमेरिकी प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने कहा, दक्षिण चीन सागर के जिन इलाकों पर चीन कब्जा कर रहा है उन पर अन्य देश भी दावा कर रहे हैं। इस सागर से होकर बेरोक-टोक व्यापारिक जहाजों के जाने-आने का इतिहास रहा है। इसके बावजूद चीन किसी की नहीं सुन रहा। वह अपने हितों के अनुरूप इलाके का नक्शा बदल रहा है और वहां पर मिसाइलों आदि की तैनाती कर रहा है। इससे पूरे क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंता व्याप्त हो गई है।
सैन्य टकराव नहीं चाहता
अमेरिका अमेरिका चाहता है कि इस विवाद का बातचीत से हल निकले। विवाद भविष्य में किसी सैन्य टकराव में न बदले। प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका उस क्षेत्र के लिए दावेदार नहीं है। लेकिन वह उन सभी देशों के साथ है जो मामले का शांतिपूर्ण और कानूनी तरीके से निदान चाहते हैं। इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने कहा था कि दक्षिण चीन सागर में चीन वही काम कर रहा है, जो कार्य अमेरिका हवाई द्वीप में कर रहा है। जिस प्रकार ने अमेरिका ने हवाई द्वीप में सुरक्षा उपकरण लगा रखे हैं, उसी प्रकार से चीन ने अपनी सुरक्षा के लिए दक्षिण चीन सागर में इंतजाम कर रहा है।
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