गौरव- इसरो के मिशन 104 सैटेलाइट में रुद्रपुर के एमपी सिंह का योगदान

- इसरो के मिशन में बतौर लीडिंग साइंटिस्ट शामिल रहे रुद्रपुर के एमपी सिंह

- मिशन मंगलयान के भी प्रोजेक्ट मैनेजर थे एमपी सिंह

- रुद्रपुर जिले के जसपुर में जन्में थे सिंह

DEHRADUN: बुधवार को श्रीहरिकोटा से जब इसरो द्वारा क्0ब् सैटेलाइट्स एक साथ स्पेस में छोड़़े गए तो ये क्षण उत्तराखंड के लिए भी गौरवपूर्ण थे। वजह उत्तराखंड का एक लाल इस मिशन में बतौर लीडिंग साइंटिस्ट शामिल था। रुद्रपुर के एमपी सिंह की इस मिशन में बतौर साइंटिस्ट महत्वपूर्ण भूमिका थी। एमपी सिंह 80 के दशक में रुद्रपुर में अपने भाई के साथ यहां रहते थे।

मंगलयान मिशन के सूत्रधार

ख्0क्ब् में इसरो के मंगलयान मिशन के भी एमपी सिंह सूत्रधार रहे। मंगलयान मिशन में उनकी भूमिका बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर रही। बुधवार को इसरो द्वारा छोड़े गए क्0ब् सैटेलाइट्स वाले मिशन में वे लीडिंग साइंटिस्ट थे। इस मिशन के लिए उन्होंने पूरे डेढ़ साल तक अपनी टीम के साथ कठिन परिश्रम किया था।

एमपी सिंह का परिचय

एमपी सिंह अस्सी के दशक में रुद्रपुर की आवास विकास कॉलोनी में रहते थे। उनके साथ उनके भाई भी रहते थे। एमपी सिंह का जन्म क्7 मई क्9म्भ् में जसपुर के करनपुर गांव में हुआ था। बारहवीं की परीक्षा के बाद वे अपने भाई के साथ रुद्रपुर आ गए। नैनीताल से उन्होंने तीन साल का पॉलिटेक्निक डिप्लोमा लिया और इसके बाद क्987 में वे इसरो में बतौर टेक्निकल अस्सिटैंट नियुक्त हुए। इसके साथ-साथ उन्होंने बेंगलुरु से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमबीए किया।

एक और मिशन में जुटे हैं सिंह

क्0ब् सैटेलाइट्स के सफल प्रक्षेपण मिशन के अगवा साइंटिस्ट रहने के साथ-साथ सिंह वर्तमान समय में भी एक प्रोजेक्ट में जुटे हैं। वे इस समय इनसैट-फ्डीआर के प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। यह प्रोजेक्ट वेदर फॉरकास्टिंग की अत्याधुनिक तकनीकी से जुड़ा है।

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- क्9म्भ्-- रुद्रपुर, जसपुर के करनपुर गांव में जन्म।

- 80 के दशक में रुद्रपुर में भाई के साथ निवास

- क्987 में बतौर टेक्निकल असिस्टैंट इसरो से जुड़े।

- ख्0क्ब् में इसरो के मिशन मंगलयान के प्रोजेक्ट मैनेजर थे सिंह।

- क्0ब् सैटेलाइट मिशन में लीडिंग सांइटिस्ट की रही भूमिका।

- इनसेट-फ्डीआर के प्रोजेक्ट मैनेजर भी हैं एमपी सिंह।