- दून के मिनर्वा इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स सजाएंगे वरुणावत को

- 60 मीटर लंबी वॉल का कर रहे हैं सौंदर्यीकरण

- नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत चल रहा विकास कार्य

DEHRADUN: दून के स्टूडेंट्स की कला के जरिए वरुणावत पर्वतीय संस्कृति का संदेश देता हुआ देखा जाएगा। देहरादून के मिनर्वा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के 9 स्टूडेंट्स उत्तरकाशी में बनाई गई जियोग्रिड वॉल पर अपनी कला के रंग बिखेरेंगे। वॉल पर स्टूडेंट्स उत्तराखंड की लोक संस्कृति को करीने से उकरेंगे।

9 स्टूडेंट्स बनाएंगे पेंटिंग्स

ख्00क् में वरुणावत पर्वत से भूस्खलन के बाद शहर की सुरक्षा के लिए बस स्टैंड के सामने बनी जियोग्रिड वॉल अब स्थानीय लोगों ने देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी। वरुणावत पर्वत के नीचे बफर जोन में शहर की सुरक्षा के लिए बनाई गई जियोग्रिड वॉल पर स्टूडेंट्स गंगोत्री यमुनोत्री सहित स्थानीय लोक संस्कृति के साथ ही गंगावतरण के दृश्य उकेरेंगे। जिला प्रशासन की ओर से की जा रही इस पहल के तहत संस्थान के स्टूडेंट्स इस म्0 मीटर लंबी और छह मीटर ऊंची दीवार को म्यूरल पेंटिंग से सजाने का काम करेंगे। स्टूडेंट्स दो फेज में इस कार्य को पूरा करेंगे। संस्थान के चेयरमैन पीके जैन ने बताया कि संस्थान के फाइन आ‌र्ट्स डिपार्टमेंट के सेकेंड व थर्ड इयर के 9 स्टूडेंट्स वॉल को प्रदेश की संस्कृति के दृश्यों से सजाने का कार्य करेंगे। इसके संस्थान की तीन फैकल्टी भी स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत बनी इस दीवार को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है।

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स्टूडेंट्स इससे पहले हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर सौंदर्यीकरण का कार्य कर चुके हैं। अब ये स्टूडेंट्स वरुणावत पर्वत के नीचे बनी इस दीवार पर कार्य कर रहे हैं। स्टूडेंट्स ख्ब् दिनों में इसे तैयार करेंगे। खास बात यह कि बच्चे सोशल सर्विस के लिए यह कार्य कर रहे हैं। यह पेंटिंग भारत के सबसे आकर्षक पेंटिंग्स में से एक होगी। तो देश विदेश के पर्यटकों को लुभाने का काम करेगी।

----- प्रदीप कुमार जैन, चेयरमैन, मिनर्वा इंस्टीट्यूट