लोगो: वार्ड स्कैन, वार्ड 34फोटो है

स्लग: इलाके में रेगुलर नहीं होती साफ-सफाई, कच्ची नालियों में भरा कूड़ा-कचरा, लोगों की बढ़ी परेशानी

आबादी : 19,860

वोटर्स :

वार्ड पार्षद

रामाधार सिंह

मोहल्ला

मधुकम, टंगरा टोली, पहाड़ी टोली, हेहल का अंश, सरपंच गली, पाहन टोली, विद्यानगर

पब्लिक डिमांड

-साफ-सफाई रेगुलर कराई जाए

-आधी-अधूरी नालियों का निर्माण पूरा किया जाए

-टूटी हुई सड़कों की मरम्मत करानी बेहद जरूरी है

RANCHI (15 March): सिटी को स्मार्ट बनाने की बात हो रही है। लेकिन, सिटी स्मार्ट तभी बनेगी जब यहां की नालियों और सड़कों की सूरत संवरेगी। सिटी के वार्ड 34 की हालत काफी खराब है। जहां न तो कचरा हटाया गया और न ही नाली बन पाई। इससे लोग काफी नाराज हैं। अब परिसीमन के बाद वार्ड भी बदल गया तो लोगों को रातू रोड में शास्त्री चौक से इटकी रोड में भवानी पेट्रोल पंप, हरमू नदी (पहाड़ी टोली नदी किनारा से मुक्तिधाम), शास्त्री चौक से मधुकम मोड़ में सरना स्थल, साईं विहार कॉलोनी में ट्रांसफारमर के सामने से क्राउन पब्लिक स्कूल होते हुए ढोड़ा नाला पुलिया, यहां से नाला के किनारे मुक्तिधाम हरमू नदी तक, इटकी रोड भवानी पेट्रोल पंप के बगल से राम भक्त हनुमान मंदिर होते हुए दक्षिण की ओर पहाड़ी टोली हरमू नदी तक में बदलाव की उम्मीद है।

साफ-सफाई

4-10

लाख दावे किए जा रहे हैं कि साफ-सफाई पहले से काफी बेहतर हुई है। लेकिन, हकीकत इससे कोसों दूर है। वार्ड 34 में कई जगह जमा कचरा स्वच्छता की पोल खोल रहा है। इस वजह से जानवरों का भी जमावड़ा लग रहता है।

नाली

5-10

पानी की निकासी के लिए नालियां ही जरूरी होती हैं। जब नालियां ही नहीं होगी तो पानी की निकासी कहां से होगी। ऐसे में नाली का पानी जहां-तहां बह रहा है। स्थिति यह है कि कई जगह सड़क ही नाली का रूप ले चुकी है।

रोड

6-10

रोड की बात तो कुछ ठीक है। पर कुछ जगहों की सड़कें इतनी खराब है कि चलना भी मुश्किल है। इतने सालों में सभी सड़कों की स्थिति सुधरने की लोगों को उम्मीद थी। फिर भी लोगों का मानना है कि काम हुआ है।

वाडर् बोलता है

सबसे ज्यादा खराब हालत तो नालियों की है। सफाई नहीं होने के कारण कचरा भर गया है। गंदगी की वजह से हमलोगों का गुजरना भी मुश्किल है। आखिर हमलोगों ने क्या गलती की जो गंदगी झेल रहे हैं।

शशिधर सिंह

सफाई के नाम पर केवल आईवाश है। अगर सच में सफाई की जाती तो कहीं भी कचरे का अंबार नहीं होता। लेकिन गाडि़यां तो मुख्य सड़कों से ही घूमकर चली जाती हैं। अंदर के इलाकों को कोई देखने भी नहीं आता।

नीलिमा

सबसे ज्यादा परेशानी तो गंदगी की ही है। इसके बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। पार्षद आवाज उठाते हैं, लेकिन कोई सुनता ही नहीं। अब तो कोई नया पार्षद आएगा तभी बदलाव की उम्मीद है।

प्रेमचंद गुप्ता

जवाब दो पार्षद जी

डीजे आईनेक्स्ट : नालियों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। इसे लेकर कोई प्लान नहीं बना?

जवाब : हमारे वार्ड में भी कई काम किए जाने थे। लेकिन फंड की वजह से काम नहीं हो पाए। अगर मौका मिला तो इस बार सूरत बदल देंगे वार्ड की।

डीजे आईनेक्स्ट : कचरे का अंबार स्वच्छता को मुंह चिढ़ा रहा है। सफाई के लिए कोई एक्शन क्यों नहीं लिया?

जवाब : सफाई तो हमारे सुपरवाइजर रेगुलर कराते हैं। इसके बाद भी कहीं कूड़ा छूट गया है तो देखा जाएगा। लेकिन, लोगों को भी इसके लिए थोड़ा जागरूक होना होगा।

डीजे आईनेक्स्ट : रोड का काम कराए जाने की लोगों को उम्मीद थी, फिर भी सड़कों की हालत नहीं सुधरी?

जवाब : कुछ सड़कों के लिए टेंडर होकर भी काम नहीं हो पाया। इस चक्कर में दूसरी सड़कें भी फंस गई। अगर निगम से परेशानी नहीं होती तो मेरा वार्ड भी बेहतर होता।

-रामाधार सिंह, पार्षद, वार्ड-34