आई एक्सक्लूसिव

-बिजली के खंभों को लगाने के दौरान पेयजल योजना के अंतर्गत बिछाई गई पाइप लाइनें हो रहीं क्षतिग्रस्त

-पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से बाधित हो रही है जलापूर्ति, लीकेज ठीक होने तक लोगों को झेलनी पड़ रही परेशानी

-3 वार्डो में केस्को ने पाइप लाइनों को किया क्षतिग्रस्त, जल निगम ने केस्को को भेजा पत्र

kanpur@inext.co.in

KANPUR :

गर्मी के मौसम में शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए जल निगम के प्रयासों को केस्को विभाग एक के बाद एक झटके दे रहा है। पहले अंडरग्राउंड केबलिंग के दौरान शहर में कई जगहों पर वाटर लाइन क्षतिग्रस्त हुई तो अब जगह-जगह लगाए जा रहे बिजली के खंभों की खुदाई से पाइप लाइन टूट रही हैं। जिससे शहर के तीन वार्ड में रहने वाले लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। मुश्किल इस बात की है कि 4 दिन बाद भी इन डैमेज लाइनों को सही नहीं किया जा सका है।

3 वार्डो में पाइप लीकेज

शहर में जेएनएनयूआरएम योजना के तहत पेयजल योजना फेज-2 में वार्ड-19 सनिगवां, वार्ड-36 बिनगवां और वार्ड-39 हंसपुरम में पाइप लाइनें बिछाई गई थीं। इन दिनों इन क्षेत्रों में केस्को बिजली की बेहतर सप्लाई के लिए बड़े खंभे लगवा रहा है। इसके लिए जगह-जगह खुदाई की जा रही है, जिसमें दर्जनों जगहों पर पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और हजारों लीटर पानी सड़कों पर बह रहा है। साथ ही आम जनता भी पानी की सप्लाई रुकने से काफी परेशान है। वहीं पाइप लाइनों के ऊपर ही खंभों को लगा दिया गया है, जिस पर जल निगम ने अपनी आपत्ति भी जताई है।

----------------

मौसम की मार, पानी से बेहाल

गर्मी ने अपना विकराल रूप अभी से दिखाना शुरू कर दिया है। ऐसे में शहर में पानी की जरूरत भी बढ़ जाती है। लेकिन ज्यादा सप्लाई की बात तो दूर है वाटर पाइप लाइन डैमेज होने के कारण लोगों को जरूरत से भी बहुत कम पानी मिल पा रहा है। हालत ये है कि अपनी जरूरत के पानी के लिए लोगों को कई मीटर चलकर पानी भरकर लाना पड़ रहा है।

ये एरिया हैं प्रभावित

वार्ड-19 सनिगवां- काशीराम योजना के पास बने तिराहे के पास और अन्ना चौराहा का एरिया।

वार्ड-36 बिनगवां- राजेंद्र नगर, अर्रा में 2 जगह, आशा नगर में 2 जगह, सरस्वती नगर में 2 जगह।

वार्ड-39 हंसपुरम- तौदकपुर, तुलसियापुर, देवेंद्र नगर, सिद्धार्थ नगर।

----------------

कई जगहों पर पाइप लाइनों को क्षतिग्रस्त किया गया है। केस्को को पत्र लिखकर इस पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। क्षतिग्रस्त लाइनों का खर्च भी उनको देने के लिए कहा गया है।

-मोहित चक, परियोजना प्रबंधक, जल निगम।