- धधकती धरती ने बढ़ाया पारा

- जून में तपिश झुलसाएगी

आगरा। शहर पर भी ग्लोबल वार्मिग का असर है। पृथ्वी से लेकर आसमान तक वातावरण प्रदूषण से घिरा हुआ है। इसका विपरीत असर तापमान में भी पड़ा है। पिछले चार-पांच सालों में तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। औसत में 1 डिग्री सेल्सियस तापमान का अंतर आया है। ये इस वर्ष भी देखने को मिलेगा। हालात में सुधार नहीं हुआ, तो कुछ सालों में तापमान में अत्यधिक बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है।

खोखली हो गई धरती

पृथ्वी से पानी, खनिज समेत अन्य सामग्री का लगातार दोहन जारी है। वहीं पेड़ों की बेतहाशा कटाई से जमीन बंजर और कटने लगी है। इससे धरती खोखली और गर्म होती जा रही है। वहीं कई तरह के प्रदूषण से पानी से लेकर हवा तक जहरीली हो चुकी है। इसका असर तापमान में भी पड़ा है। पिछले कई सालों में अधिकतम तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी से गर्मी बढ़ गई है। ये लोगों के लिए चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। वहीं गैर सरकारी संस्थाएं भी पर्यावरण बचाने पर जोरशोर से लगी हुई हैं। लेकिन अभी ज्यादा प्रयास की जरूरत है।

दस सालों में आई 1 डिग्री की बढ़ोत्तरी

पिछले दस सालों के जून महीने के तापमान पर नजर डाली जाए, तो तापमान में बढ़ोत्तरी हुई है। पहले अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। यह तापमान अब 44 से 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। हालांकि वर्ष 2017 में तापमान कम रहा, लेकिन वर्ष 2018 में फिर से तापमान बढ़ने की उम्मीद है।