-शहर के 35 जगहों पर बनना था वाई-फाई जोन

BAREILLY:

पब्लिक प्लेसेस में वाई-फाई की सर्विस होने के बजाय बीएसएनएल की सारी कवायद निगम के इंटरप्राइजेज सेक्शन में ही लटकी पड़ी है। जबकि, योजना को 3 वर्ष पूरे होने को है। लेकिन, बीएसएनएल के ऑफिसर अपनी सर्विस की तरह ही सुस्त हैं। अभी तक एक भी पब्लिक प्लेस पर वाई-फाई की सुविधा शुरू नहीं हो सकी हैं। लिहाजा, केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया के कॉन्सेप्ट पर पानी फिर गया हैं। वहीं जिन विभागों और पब्लिक प्लेस पर खुद के जरिए सर्विस शुरू की गई हैं वहां पर वाई-फाई की स्पीड इतनी कम हैं कि यूजर्स परेशान हैं।

जून 2015 में शुरू हुई थी कवायद

पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत पब्लिक प्लेसेस में वाई-फाई सर्विस शुरू होनी थी। सबसे पहले यह सर्विसेज 10 लाख आबादी वाले क्षेत्रों में शुरू होनी थी। जिसके तहत बरेली को चुना गया था। 29 जून 2015 को बीएसएनएल के तत्कालीन जीएम मणि राम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शहर के 35 पब्लिक प्लेस पर वाई-फाई सर्विस शुरू किए जाने की बात कही थी। लेकिन सारी कवायद एसडीई, एजीएम, कॉमर्शियल डिपार्टमेंट के बीच ही उलझी पड़ी है। इनसे बाहर निकल कर लोगों तक सर्विस पहुंच ही नहीं सकी।

इंटरप्राइजेज सेक्शन में 3 वर्ष से फंसा मामला

सिविल लाइंस हनुमान मंदिर, बटलर प्लाजा, नॉवेल्टी और सेटेलाइट बस स्टेशन, तहसील हेड क्वॉर्टर, कुतुबखाना और बीसीबी सहित टोटल 35 पब्लिक प्लेसेस की लिस्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजी गई थी। संबंधित एरियाज की सर्वे भी इंजीनियर ने किए। लेकिन, मामला सिफर रहा। पिछले 3 वर्ष से योजना को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। सारी कवायदतें बीएसएनएल के इंटरप्राइजेज सेक्शन में ही लटकी पड़ी हैं। अभी तक अधिकारी डिमांड नोट ही तैयार नहीं कर सका है।

पब्लिक को ऐसे मिली थी सुविधा

अंडर ग्राउंड बिछाई ऑप्टिकल फाइबर केबल को खंभों पर लगे एक्सेस प्वॉइंट नामक उपकरण से जोड़ना था। इस उपकरण का काम केबल के जरिए सिग्नल रिसीव कर आगे भेजने का होता है। उपकरण पर धूल, मिट्टी और पानी का कोई असर नहीं पड़ेगा। इस उपकरण की रेंज करीब 100 मीटर तक रहेगी। जैसे ही मोबाइल यूजर्स रेंज में आएंगे। वाई-फाई कनेक्ट हो जाएगा। सर्विस पाने के लिए आईपी एड्रेस का यूजर नेम और पासवर्ड जनरेट होने के बाद बीएसएनएल उपभोक्ताओं को मैसेज कर देगा। जिसके इस्तेमाल से वाई-फाई का लाभ उठाया जा सकेगा।

जंक्शन पर सही बाकी सब पुअर

रेलवे, आरयू और रोडवेज ने पब्लिक व स्टूडेंट्स के लिए वाई-फाई की सुविधा की है। लेकिन रेलवे को छोड़ दिया जाए तो आरयू और रोडवेज पर वाई-फाई की सर्विस काफी पुअर है। बरेली जंक्शन पर नेट की स्पीड 72 मेगा बाइट पर सेकंड (एमबीपीएस) हैं। जबकि, आरयू कैम्पस में मात्र 64 एमबीपीएस हैं। कभी-कभी नेट की स्पीड इससे भी कम होती है। वहीं रोडवेज बस अड्डा पर सिर्फ इंटरटेनमेंट, वीडियो गेम्स डाउनलोड करने की नहीं सुविधा नही है, सिर्फ ऑनलाइन देखने की सुविधा हैं। जबकि, रेलवे पर जंक्शन पर ऐसा नहीं है।

एक नजर

- 3 लाख से अधिक मोबाइल यूजर्स बीएसएनएल के हैं।

- 35 पब्लिक प्लेस पर शुरू होनी थी वाई-फाई की सर्विस।

- 29 जून 2015 में वाई-फाई की सुविधा शुरू करने की हुई थी कवायद।

- 1 जनवरी 2016 से वाई-फाई की सर्विस पब्लिक प्लेस पर मिलनी थी।

- 3 वर्ष जून में पूरे हो जाएंगे। लेकिन अभी तक सर्विस नहीं हो सकी शुरू।

वाई-फाई सर्विस शुरू करने की कवायद चल रही है। अयूब खां से नॉवेल्टी के बीच सर्विस शुरू करने के लिए नगर निगम को दो दिन पहले डिमांड नोट भी दिया गया है।

आरके सिंह, कॉमर्शियल सेक्शन, बीएसएनएल