RANCHI : रिम्स में इलाज में लापरवाही बरते जाने का एक मामला फिर सामने आया है। हजारीबाग से आई राधा देवी के यूटेरस के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने उसके यूरिनल की थैली काट दी। अब हालात यह है कि मरीज का यूरीन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं, इलाज के नाम पर 25 दिनों तक वार्ड में रखने के बाद मरीज का डिस्चार्ज स्लिप भी थमा दिया है, लेकिन परिजन मरीज को ले जाने को तैयार नहीं हैं। मरीज के पति खेमलाल मेहता ने कहा कि वे इस बाबत हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ बीएल शेरवाल को शिकायत दर्ज कराएंगे।

क्या है मामला

हजारीबाग की रहने वाली राधा देवी को अक्सर पेट में दर्द रहता था। इस वजह से उसकी सांसे भी फूलती थी। ऐसे में लोगों ने उसे रिम्स में दिखाने की सलाह दी। 15 जुलाई को डॉक्टर ने उसे एडमिट कर लिया। जांच में पाया गया कि उसके पेट में गोला है। उसी दिन मरीज का आपरेशन करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान डॉ.ए विद्यार्थी की टीम ने लेप्रोस्कोपी से उसका आपरेशन किया। जिसमें आपरेशन तो सफल हो गया पर मरीज की पेशाब की थैली काट दी।

तीन माह बाद कर देंगे इलाज

मरीज के पति खेमलाल मेहता ने बताया कि ऑपरेशन के दौैरान यूरिनल थैली कट जाने की गलती चिकित्सकों ने भी स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा कि यह मामूली बात है। इलाज से ठीक हो जाएगा। लेकिन बुधवार को उन्होंने मरीज को घर ले जाने के लिए डिस्चार्ज स्लिप थमा दिया। उन्होंने कहा कि तीन महीने बाद जब मरीज की हालात सामान्य हो जाएगी तो उसके यूरिनल थैली का इलाज किया जाएगा।

मरीज के पेट में ऑपरेशन के दौरान छोड़ दी पट्टी

हजारीबाग के बरही के रहने वाले बुजुर्ग वासुदेव प्रसाद का यूरोलॉजी वार्ड में सात जुलाई को ऑपरेशन किया गया था। उन्हें पेश उन्हें पेशाब की थैली में कैंसर की बीमारी थी। ऑपरेशन के बाद 18 दिनों तक ऑब्जर्वेशन के लिए उन्हें एडमिट रखा गया। 25 जुलाई को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। परिजन मरीज कों लेकर घर आ गए लेकिन उसी रात उन्हें पेट में जोर का दर्द उठा। ऑपरेशन का टांका भी खुल गया। आनन-फानन में परिजन स्थानीय हॉस्पिटल में ले गए। यहां जांच के दौरान पता चला कि ऑपरेशन के दौैरान पट्टी को पेट में छोड़ दिया गया था।

बांयी किडनी में स्टोन, दाएं किडनी का किया ऑपरेशन

रिम्स के यूरोलॉजी वार्ड में इलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किए जाने का मामला थम नहीं रहा है। पहले कांके के बोडे़या की रहने वाली गुडि़या को बाईं किडनी में स्टोन था, लेकिन डॉक्टरों ने उसके दाएं किडनी का ऑपरेशन कर दिया था। इतना ही नहीं, अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए उन्होंने मरीज को प्राइवेट हॉस्पिटल भी रेफर कर दिया था। जब स्वास्थ्य मंत्री को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने ऑपरेशन करने वाले डॉ अफसर और डॉ.अरशद जमाल को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया था।