- गड्ढा खोदने से पहले लाभार्थी को मिलेगा चार हजार रुपये कैश

- इसका उपयोग न किया तो नगर निगम दर्ज कराएगा मुकदमा

- योजना को लागू करने के लिए घर-घर यिा जा रहा है सर्वे

मेरठ। शहर को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए ओडीएफ (ओपन डिफेक्शन फ्री) योजना में बदलाव किया गया है। पहले गढ्डा खोदने के बाद वित्तीय मदद मिलती थी, लेकिन अब गढ्डा खोदने से पहले ही वित्तीय मदद मिल जाएगी, जो 4 हजार रुपए की होगी। लेकिन रुपए लेकर गढ्डा न खोदना मंहगा पड़ जाएगा। ऐसा किया तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ पुलिस केस होगा। एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

घर-घर हो रहा सर्वे

नगर निगम के पास शौचालय निर्माण के लिए साढ़े बारह हजार आवेदन फार्म आए हैं। इन फार्मो की जांच नगर निगम के अधिकारी घर-घर जाकर कर रहे हैं। सर्वे के बाद ही लोगों को पैसा दिया जाएगा। फार्म भरने वाले आदमी के यहां शौचालय है या नहीं।

न बनवाने पर एफआईआर

शौचालय निर्माण के पहले पैसे बाद में गड्ढा खोदना का नियम आने के बाद शासन ने यह भी निर्देश दिए हैं। जो पैसा लेने के बाद यदि शौचालय का निर्माण नहीं कराता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।

लोगों को मिला नोटिस

नगर निगम ने शौचालय निर्माण के लिए मना करने पर 800 लोगों को नोटिस जारी किया था। पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद लोगों ने शौचालय निर्माण कराने के लिए हां कर दी है।

2018 तक ओडीएफ मुक्त होगा शहर

केंद्र सरकार की ओर से शहरों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए 2019 तक का लक्ष्य रखा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार की ओर से इसी लक्ष्य को 2018 तक रखा है। लिहाजा नगर निगम ने इस काम काम तेजी लानी शुरू कर दी है।

शासन ने नियम में थोड़ा परिवर्तन किया है। अब गड्ढा खोदने से पहले पहली किश्त दी जाएगी। शौचालय निर्माण शुरू होने पर दूसरी किश्त दे दी जाएगी। अभी जितने भी फार्म आएं हैं उनका सर्वे चल रहा है।

डॉ। कुंवर सेन नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम