इस सुंदर भवन के ताले सत्य साईं केंद्रीय ट्रस्ट के सदस्यों ने खोले जिनमें जस्टिस पीएन भगवती और दूसरे लोग शामिल थे.

वहां रखी संपत्ति का हिसाब किताब गुरूवार की शाम शुरू हुआ और वो शुक्रवार की शाम तक चलता रहा. इस कार्रवाई में 25 लोगों ने भाग लिया.

सत्य साईं ट्रस्ट के अलावा बैंक ऑफ़ इंडिया और आयकर विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.

कार्रवाई की समाप्ति पर ट्रस्ट ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वहां 11 करोड़ 56 लाख रुपए की नक़दी, 98 किलो सोना और 372 किलो चांदी मिली है.

ट्रस्ट के एक सदस्य नागानंद ने कहा कि बाबा की मृत्यु के बाद से उनके भक्तों ने जो लिफ़ाफ़े भिजवाए थे उन्हें भी अब तक नहीं खोला गया था लेकिन उन्हें भी शुक्रवार को ही खोलकर देखा गया.

ट्रस्ट के सदस्यों ने यह सारी संपत्ति बैंक में जमा करवा दी है.

सत्य साईं बाबा के निधन के बाद ट्रस्ट ही कामकाज संभाल रहा है

उन्होंने इन अटकलों का खंडन किया कि वहां पर साईंबाबा की कोई वसीयत मिली.

यजुर्वेद मंदिर उस समय से बंद था जब बाबा का स्वास्थ्य बिगड़ जाने के बाद 28 मार्च को उन्हें अस्पताल में भरती किया गया था.

इस भवन के ताले खोलने को लेकर लोगों में काफ़ी गहरी रूचि थी क्योंकि ऐसी अफवाहें थीं कि जब बाबा अस्पताल में थे तो कुछ लोग बहुमूल्य चीज़ों से भरी संदूकें वहां से कहीं और लेकर चले गए थे.

लेकिन ट्रस्ट के सदस्यों ने इसका सख़्ती से खंडन किया था.

आज की इस सारी कार्रवाई से पुलिस और पत्रकारों को दूर रखा गया.

यजुर्वेद मंदिर खोलने के अवसर पर ट्रस्ट के जो सदस्य मौजूद थे उनमें भगवती के अलावा वेणु श्रीनिवासन, एसवी गिरी, आरजे रत्नाकर और बाबा के सहायक सत्यजीत शामिल थे.

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