निकाले गये कर्मचारियों के लिए निकाला गया बीच का रास्ता

कैंप ने दिया है खाली लोकेशंस पर काम करने का ऑफर

देहरादून,

108 एम्बुलेंस सर्विस से निकाले गए 600 से ज्यादा कर्मचारियों के समायोजन की मांग पर राज्य सरकार की ओर से आश्वासन तो दे दिया गया, लेकिन आंदोलनकर्मी 22वें दिन भी परेड ग्राउंड धरने पर डटे रहे. कर्मचारियों का आरोप है कि नई कंपनी की ओर से जो सेलरी उन्हें ऑफर की गई, वह पहले मिल रही सेलरी से बहुत कम है. वे पूर्व की भांति समायोजित करने की मांग कर रहे हैं. वर्तमान में नई कंपनी एक स्टाफ को 9.50 हजार रुपए सेलरी का ऑफर कर रही है.

सुविधाओं पर फोकस

2008 से राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही जीवीके ईएमआरआई कंपनी का राज्य सरकार से टेंडर खत्म हुआ तो कैंप ने संचालन संभाल लिया. एम्बुलेंस सर्विस में पायलट और ईएमटी पदों पर नियुक्ति नए सिरे से हुई तो पुराने कर्मियों का विरोध शुरू हो गया. पुराने कर्मचारियों का आरोप है कि उनकी सेलरी 15 हजार तक पहुंच गई थी, लेकिन अब मात्र 9.50 हजार रुपये ऑफर की जा रही है. ऐसे में नई कंपनी के साथ कम सेलरी पर काम करना संभव नहीं है. कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहे विपिन जमलोकी ने बताया कि पिछले 10 वर्ष से वे सेवा से जुड़े हैं, उनकी सेलरी 15 हजार रुपए से ऊपर पहुंच गई, अब नई कंपनी कम सेलरी पर काम करने को मजबूर कर रही है. ऐसे में वे आंदोलन स्थगित नहीं कर सकते.

यह सेलरी कम नहीं : कैंप

कैंप संस्था के जीएम प्रोजेक्ट अनिल शर्मा ने बताया कि संस्था नई सुविधाओं के साथ एम्बुलेंस सर्विस संचालन कर रही हैं, जिसमें दो पदों पर पायलट और ईएमटी के लिए 13 हजार के करीब सीटीसी फिक्स की गई है. इसमें पीएफ और ईएसआई भी कटेगी. ऐसे में सेलरी कम नही है. शर्मा ने बताया कि कैंप द्वारा 600 से ज्यादा कर्मियों की नियुक्ति की जा चुकी है अगर किसी लोकेशंस पर सीट खाली है तो कोई भी कर्मी इसी सेलरी में आवेदन कर सकता है.