- एआईएसएचई की ओर से मांगे रिकॉर्ड देने में बड़ी तादाद में कॉलेज कर रहे आनाकानी

- एफिलिएशन कैंसिल करने की दी गई है चेतावनी

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कुछ कॉलेज जुगाड़ से चल रहे हैं. उनके वहां जरूरी टीचर्स हैं नहीं, लेकिन इधर-उधर से मैनेज कर वह एफिलिएशन हासिल कर अपना कॉलेज रन करा रहे हैं. इसको रोकने के लिए कवायद शुरू हुई, लेकिन इसका हल निकलता नजर नहीं आ रहा है. यूनिवर्सिटी की ओर से उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर सभी कॉलेजेज में अनुमोदित टीचर्स का रिकॉर्ड तलब किया गया था, लेकिन कॉलेज ने मनमानी से बाज न आते हुए अभी तक डाटा मुहैया नहीं कराया है. इससे वह शक के दायरे में हैं और जिम्मेदारों को यकीन होने लगा है कि ऐसे कॉलेज फर्जीवाड़ा कर रहे हैं और उनके कॉलेज में अनुमोदित टीचर्स हैं ही नहीं.

51 परसेंट कॉलेज छिपा रहे हैं जानकारी

गोरखपुर में यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेजेज जोकि एआईएसएचई के पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं, उनकी तादाद 261 है. इसमें से अब तक महज 49 परसेंट यानि कि 128 कॉलेजेज ने ही तय प्रोफॉर्मा में अपनी डीटेल अपडेट की है, जबकि 133 कॉलेजेज अब भी ऐसे हैं, जो डाटा छिपाने में लगे हुए हैं. यह टीचर्स और प्रिंसिपल के बारे में यूनिवर्सिटी को कोई इंफॉर्मेशन देने में आनाकानी कर रहे हैं. कुछ कॉलेजेज ने आधी-अधूरी जानकारी मुहैया कराकर अपना दामन बचाने की कोशिश की है. इसकी वजह से टीचर्स के अनुमोदन का फर्जीवाड़ा खत्म करने के लिए यूनिवर्सिटी की कोशिशें कामयाब नहीं हो पा रही हैं और कॉलेजेज अपनी मनमानी में लगे हुए हैं.

30 अप्रैल तक थी मोहलत

गोरखपुर यूनिवर्सिटी इस मामले में स्टूडेंट्स के फ्यूचर का ख्याल रखकर बार-बार कॉलेजेज को मोहलत देता जा रहा है. कई बार की नोटिस, बार-बार मियाद बढ़ाने के बाद भी कॉलेज मनमानी पर उतारू हैं. कॉलेज से थक-हारकर इस बाद उच्च शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि इस बार कॉलेजेज को अभयदान नहीं दिया जाएगा और जिन कॉलेजेज ने अपना डाटा अपडेट नहीं किया है, उनका एफिलिएशन कैंसिल कर दिया जाएगा. हालांकि इसका अनुमोदन यूनिवर्सिटी की सुप्रीम बॉडी एग्जिक्युटिव काउंसिल करेगी, लेकिन फिलहाल इन्हें पोर्टल पर डीएक्टिव कर दिया जाएगा, जिससे कि कॉलेज की स्कॉलरशिप रिलीज नहीं हो पाएगी.

यह मांगी है डीटेल्स

प्रिंसिपल का नाम और पता

वाइस प्रिंसिपल का नाम और पता

टीचर्स का नाम और पता

नियुक्ति की डीटेल

बैंक डीटेल

आधार कार्ड नंबर

पैन कार्ड नंबर

खुल चुकी है फर्जीवाड़े की पोल

वर्ष 2015 में तत्कालीन वीसी प्रो. अशोक कुमार ने कॉलेज में टीचर्स अनुमोदन को लेकर जांच कराई थी, इसमें फर्जीवाड़े की हकीकत सामने आई थी. जांच में यह बात सामने आई थी कि एक ही टीचर कई कॉलेज में पढ़ाने के लिए अनुमोदित है. इसमें होमसाइंस, सोश्योलॉजी, ¨हदी, पॉलिटिकल साइंस, बायोलॉजी, केमिस्ट्री समेत कई विषयों में फर्जीवाड़े की पोल खुली. सिर्फ होमसाइंस में 20 फीमेल टीचर्स 54 कॉलेजों में अनुमोदन हासिल करने की दोषी पाई गई थी. लेकिन इनके खिलाफ कोई एक्शन न होने की वजह से कॉलेजेज के हौसले और बुलंद हो गए और उन्हें सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.

वर्जन

कॉलेजेज को 30 अप्रैल तक आखिरी बार मोहलत दी गई थी, जो कॉलेज रात 12 बजे तक अपनी डीटेल्स अपडेट नहीं करेंगे, उनको पहले डीएक्टिव कर दिया जाएगा. इसके बाद उनकी मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी.

- प्रो. एचएस वाजपेई, नोडल ऑफिसर, एआईएसएचई