PM के संसदीय क्षेत्र में आजादी के गलत मायने समझने लगे हैं लोग

स्वच्छता अभियान का यहां नहीं दिख रहा कोई असर

जहां-तहां कूड़ा फेंकने की आदत से बाज नहीं आ रही पब्लिक

VARANASI

अगस्त मंथ आते ही दिलों में देशभक्ति और आजादी का जज्बा उफान लेने लगता है। हालांकि आजादी के म्8 सालों बाद भी सबकी शिकायत सिस्टम से है। ये नहीं हो रहा, वो नहीं हो रहा जैसी शिकायतों में हम कहां है, ये कोई नहीं सोचता। इस क्भ् अगस्त से पहले हम चलिए उन आदतों पर गौर करते हैं जिसे हम आजादी समझ बैठे हैं लेकिन हमारी ये आदत किसी की आजादी पर अतिक्रमण है।

कूड़े को ही लीजिए जनाब

बनारस इन दिनों सबसे बड़ी समस्या गंदगी से जूझ रहा है। ये हाल तब है जबकि देश के पीएम नरेन्द्र मोदी बनारस से सांसद हैं। पीएम ने देश को साफ रखने के लिए स्वच्छता अभियान भी छेड़ रखा है लेकिन इसका असर बनारस में नहीं दिख रहा है। क्योंकि कूड़े को उसके निर्धारित जगह पर न फेंककर अपने घर की दहलीज या दरवाजे पर फेंक देना या फिर इधर उधर थूक देना यहां के लोगों की आदत में शामिल हो चुका है।

हर तरफ जमा है कूड़ा

-सिटी के 90 वाडॅर्स की क्भ्0 से अधिक कॉलोनीज में पसरा है कूड़ा।

-पांच दर्जन पुराने मोहल्लों की हालत बदतर है।

- कूड़े को एक जगह जमा करने का इंतजाम कहीं नहीं है।

- बारिश के बाद जगह-जगह पड़ा कूड़ा दूर तक फैल जाता है।

- डेली न उठाए जाने से कूड़ा कई दिनों तक बजबजाता रहता है।

-लोगों को इसी गदंगी के बीच से होकर आना-जाना पड़ता है।

-गंदगी की वजह से संक्रामक रोग फैलने की आशंका है।

- काफी अवेयर करने के बाद भी मैक्सिमम लोग सुबह कूड़ा घर के बाहर नहीं निकालते हैं।

- सफाईकर्मी सुबह नौ बजे कूड़ा उठाकर चले जाते हैं। बाद में निकला कूड़ा देर तक पड़ा रहता है।

- लोग अपने घरों की दहलीज या दरवाजे के बाहर ही कूड़ा फेंक देते हैं

- बहुत से लोग तो अपनी बालकनी और खिड़की से ही कूड़ा सड़क पर फेंकने लगे हैं।

- चलती कार से भी लोग गंदगी सड़क पर फेंकने से बाज नहीं आते।

- सड़कों पर इधर उधर थूकना लोग सबसे बड़ी आजादी समझते हैं।

नहीं बन रही व्यवस्था

- सिटी में डेली 800 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है।

- सिर्फ म्00 मीट्रिक टन कूड़ा ही उठ पाता है।

- ख्00 मीट्रिक टन कूड़ा डेली सिटी में पड़ा रह जाता है।

- सिटी में क्9 लाख की आबादी है लेकिन कूड़ा हटाने की जिम्मेदारी सिर्फ ख्800 स्वीपर्स के कंधे पर है।

-क्ख् डंपर्स, क्ब् टै्रक्टर्स, ब्0 हार्पर्स, छह जेसीबी, छह हाइड्रोलिक टीपर्स हैं।

- एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से चलाए जा रहे एनक्रोचमेंट अभियान में डेली दो से तीन जेसीबी और डंपर्स चले जाते हैं।

- नगर निगम के काफी कोशिश के बाद भी सभी सफाईकर्मी डेली ड्यूटी पर नहीं पहुंचते हैं।

आजादी का मतलब ये नहीं कि कूड़ा कचरा इधर उधर फेंके। अपनी जिम्मेदारी को समझें और आजादी के सही मायने को समझें। ऐसा करेंगे तो ही बनारस साफ होगा।

दीपक मधोक, संयोजक 'जागो बनारस'

पब्लिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। निगम अपना काम करता है लेकिन लोग अपनी आजादी का गलत इस्तेमाल करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

रामगोपाल मोहले, मेयर