15 दिव्यांगजनों ने शादी के लिए बग्घी पर बैठकर निकाली बरात

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PRAYAGRAJ: सभी शारीरिक रूप से अक्षम लेकिन हौसले से भरपुर थे। कोई सेहरा बांध खिलखिला रहा था तो कोई घुंघट के बीच मंद-मंद मुस्कुरा रही थी। मौका था राजर्षि टंडन सेवा केन्द्र बैंक रोड पर स्वराज विकलांग सेवा समिति की ओर से आयोजित विकलांग स्वाभिमान सम्मान, पुनर्वास एवं सामूहिक विवाह समारोह का। खास बात ये रही कि एक ही मंडप में एक जोड़े का निकाह पढ़ाया गया तो 14 जोड़ों ने सात फेरे लिए। इसमें मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अमित स्थेलकर ने 07 विशिष्ट लोगों को विकलांगता क्षेत्र में कार्य करने के लिए सम्मानित किया। उन्होंने आयोजक श्रीनारायण यादव के प्रयास की सराहना की।

हम मुसलमान से पहले हिन्दुस्तानी

कार्यक्रम में अति विशिष्ट पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी ने कहा कि मेरा जन्म इसी शहर में हुआ और अंतिम सांस भी यहीं लेना चाहता हूं। हम मुसलमान से पहले हिन्दुस्तानी हैं हमें हिन्दुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व है। पड़ोसी मुल्क हमें नुकसान पहुंचाने की सदैव सोचता रहता है। मुसलमान और हिन्दू भाईयों से निवेदन है कि कंधे से कंधा मिलाकर देश को मजबूत करें। उत्तर प्रदेश सरकार की स्वतंत्र प्रभार मंत्री स्वाती सिंह ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजन को स्वावलम्बी बनाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है।

विवाह समारोह रहा आकर्षण

कार्यक्रम में पॉल क्लाउडे बेरूवे कनाडा ने कहा कि मैं पेशे से अधिवक्ता हूं और भारत आता रहता हूं। मुझे ये प्रयास काफी अच्छा लगा और भारत आता रहूंगा। अध्यक्षता लोक सेवक मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजकुमार चोपड़ा ने किया और संचालन गांधी अकादमिक संस्थान के निदेशक ओम प्रकाश शुक्ल ने किया। कार्यक्रम को अखिलेन्द्र कुमार पूर्व उपायुक्त दिव्यांगजन, वृजेश मिश्र उप मुख्य सुरक्षाधिकारी उत्तर मध्य रेलवे और आईएएस अजीत कुमार ने भी सम्बोधित किया। गाजे-बाजे संग दुल्हनें बग्घी पर बैठकर राजर्षि टंडन सेवा केन्द्र पहुंची। विवाह समारोह का आकर्षण ये रहा कि एक ही जगह सबीना संग शाबुल अली को मौलवी मुफ्ती सैफुर्रहमान ने निकाह पढ़ाई तो वहीं छोटे महराज प्रकाश जी ने वैदिक रीति से 14 जोड़ों को विधि विधान से सात फेरे दिलाकर विवाह संपन्न कराया।