- क्रांतिकारियों के हाथों मारे गये थे 40 अंग्रेज

- 50 लोगों के साथ चर्च में शुरू हुआ था प्रार्थना

BAREILLY: फ्री विल बैपटिस्ट चर्च ऑफ इंडिया को शहर का सबसे प्राचीन चर्च होने का गौरव हासिल है। बरेली क्लब के ठीक सामने कैंटोनमेंट एरिया में स्थित चर्च का निर्माण सन 1838 में हुआ था। जिसे खिलौनों का व्यापार करने वाले ब्रिटिश संस्था के लोगों ने ईसाई समुदाय से धन एकत्र कर बनवाया था। चर्च के पास्टर सुनील सी लाल ने बताया कि चर्च का अभिषेक कोलकाता के ब्रिटिश विशप डैनियल विल्सन ने किया। उस दौरान चर्च के निर्माण में मिशनरीज ने आर्थिक सहयोग कर चर्च का निर्माण किया गया था।

1857 क्रांति का गवाह

1857 क्रांति का भी गवाह यह चर्च बना। प्रार्थना के समय ही क्रांतिकारियों ने करीब 40 अंग्रेजों को मार गिराया था। क्रांतिकारी हमले में उस समय के तत्कालीन पास्टर और उनके परिवार लोग भी शामिल थे। क्रांतिकारियों के हाथों मारे गये लोगों की कब्र चर्च परिसर में ही बनायी गयी थी। जो आज भी सुरक्षित है। चर्च के डिप्टी चेयरमैन डॉ। जशोभीम सिंह ने बताया कि चर्च में प्रार्थना के लिए उस समय जो बेंच लगी हुई थी। वह आज भी सुरक्षित है। हर बेंच में संगीन रखने की भी व्यवस्था थी।

600 से अधिक करते हैं प्रार्थना

शुरुआत में केवल पचास लोगों के साथ चर्च में प्रार्थना शुरू हुई। लेकिन समय के साथ इसकी महत्ता बढ़ती चली गयी। इतिहास का गवाह इस चर्च में आज के समय में 600 से अधिक लोग प्रार्थना करते हैं। समय-समय में चर्च में कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।