क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रिम्स समेत झारखंड के हजारों डॉक्टर्स सोमवार को 24 घंटे की हड़ताल पर चले गए. इस दौरान ओपीडी में आने वाले मरीजों को निराशा झेलनी पड़ी. कोई पलामू से इलाज कराने आया था तो कोई चतरा से. इन सबके बीच सामान्य ही नहीं, बल्कि हार्ट और पैरालाइसिस के मरीज भी घंटों इंतजार के बाद इलाज नहीं करा सके. अब इन मरीजों को मंगलवार सुबह का इंतजार है. जहां डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होते ही वे ओपीडी में इलाज कराएंगे. बताते चलें कि नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज में मेडिकोज पर हमले के विरोध में हड़ताल बुलाई गई थी, जिसमें सीनियर से लेकर जूनियर डॉक्टर सपोर्ट कर रहे हैं.

नहीं खुला रजिस्ट्रेशन काउंटर

सोमवार को रिम्स में इलाज के लिए 1500-2000 मरीज पहुंचते हैं. लेकिन हड़ताल के कारण रजिस्ट्रेशन काउंटर ही नहीं खोला गया. इस वजह से दूर-दराज से आए मरीजों को काफी दिक्कत हुई. मरीज काउंटर के पास आस लगाए बैठे थे कि शायद काउंटर खुल जाए. लेकिन काफी देर इंतजार करने के बाद उनकी उम्मीद खत्म हो गई. इसके बाद कई मरीज और परिजन तो काउंटर के बाहर ही सो गए.

डॉक्टर चैंबर के बाहर लाइन

ओपीडी और इमरजेंसी से निराश होकर मरीज इनडोर में पहुंच गए. रिपोर्ट हाथों में लिए वे लोग डॉक्टर चैंबर के बाहर इस इंतजार में बैठे थे कि राउंड के बाद तो डॉक्टर साहब आएंगे. लेकिन डॉक्टर साहब ने साफ कह दिया था कि इनडोर के अलावा किसी भी मरीज को वे नहीं देखेंगे. लेकिन मरीजों और उनके परिजनों ने उम्मीद नहीं छोड़ी और देर शाम तक डटे रहे.

इमरजेंसी में परिजनों की कतार

हॉस्पिटल के इमरजेंसी में आम दिनों की तुलना में ज्यादा मरीज थे. आखिर ओपीडी काउंटर जो बंद था. ऐसे में गंभीर मरीजों का तो इमरजेंसी में इलाज किया गया. वहीं सामान्य मरीजों को अगले दिन आने को कहा गया. वहीं कुछ मरीजों ने जिद कर इमरजेंसी में ही अपना इलाज कराया.

इनडोर में डॉक्टरों ने किया राउंड, देखे मरीज

हड़ताल के कारण सीनियर डॉक्टरों ने इनडोर में राउंड नहीं किया और न ही मरीजों को देखा. इस दौरान जूनियर डॉक्टरों को मरीजों को देखने की सलाह दी गई थी. ऐसे में उन्होंने वार्ड में राउंड लिया और मरीजों को देखा. हालांकि कुछ वार्ड में एक-दो सीनियर डॉक्टर भी राउंड करते दिखे. इसलिए इनडोर में इलाज करा रहे मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़ी.

सदर की इमरजेंसी में लगी रही भीड़, ओवरलोड

हॉस्पिटल के ओपीडी में हर दिन 900 मरीज आते हैं. लेकिन सोमवार को सदर के डॉक्टर भी हड़ताल पर रहे. ऐसे में सिर्फ इमरजेंसी और इनडोर में मरीजों को डॉक्टरों ने देखा. लेकिन ओपीडी में मरीज निराश हो गए. वहीं कई मरीज तो इमरजेंसी में ही दिखाने के लिए लाइन में खड़े हो गए. इस वजह से इमरजेंसी ओवरलोड हो गया.

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क्या कहते हैं मरीज व परिजन

शुगर का इलाज चल रहा है. डॉक्टर साहब आज बुलाए थे. लेकिन यहां आने पर मालूम हुआ कि वे लोग तो हड़ताल पर हैं. अब उम्मीद में बैठे हैं कि शायद वे मुझे देख लें.

आशा देवी

प्रसाद साहू की तबीयत खराब हो गई है और उसे लकवा भी मार दिया है. उसी को दिखाने के लिए डॉक्टर साहब के पास आए हैं. अब डॉक्टर साहब तो आज बैठे ही नहीं है.

भुवनेश्वर साहू

हार्ट की समस्या और शुगर दोनों है. आज के दिन ही डॉक्टर साहब का ओपीडी रहता है. यहां तो हड़ताल चल रही है. आखिर इलाज के लिए हमलोग कहां जाएंगे.

प्रभु दयाल

हम तो अपना बच्चा को दिखाने के लिए आए हैं. जांडिस से वह काफी कमजोर हो गया है. अब डॉक्टर साहब का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन वो बोल दिए हैं कि आज किसी को नहीं देखेंगे.

कलीली देवी