25 छात्र ही एक क्लास रूम में देंगे एग्जाम

48 वर्ग मीटर क्लास रूम की मानक साइज

7 फरवरी से शुरू हो रहे हैं बोर्ड एग्जाम

- बोर्ड ने एक रूम में छात्रों के बैठाने का नियम तय किया

- 25 से ज्यादा छात्रों को बैठाने पर केंद्र पर होगी कार्रवाई

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LUCKNOW: यूपी बोर्ड एग्जाम व्यवस्थित और नकलविहीन कराने के लिए बोर्ड ने इस बार कमरे में बैठने वाले छात्रों की संख्या भी निर्धारित कर दी है। इस बार यूपी बार्ड एग्जाम में एक रूम में केवल 25 स्टूडेंट ही एग्जाम दे सकेंगे। जो भी सेंटर इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि 16 अक्टूबर को जारी केंद्र निर्धारण नीति में पहली बार छात्रों के बैठने के लिए कमरे के आवश्यक क्षेत्रफल का जिक्र किया गया था।

कुछ ऐसे हैं मानक
बोर्ड के मानकों के अनुसार एक क्लास रूम की साइज 48 वर्गमीटर (8 मीटर गुणे 6 मीटर) होती है। एक छात्र को बैठने के लिए 20 वर्ग फीट या 1.86 वर्गमीटर जगह की आवश्यकता होती है। इस लिहाज से एक मानक कमरे में सिर्फ 25 छात्रों को ही बैठाया जा सकता है। केंद्र निर्धारण नीति के बिन्दु संख्या एक (ड) में क्षेत्रफल दिया गया है।

पहले नहीं होता था इस मानक का पालन
क्षेत्रफल का मानक तो पहले से है लेकिन इसे केन्द्र निर्धारण नीति में शामिल नहीं किया जाता था। इसके चलते मनमाने तरीके से छात्रों का सेंटर्स को आवंटन किया जाता रहा है। यहां तक कि पिछले साल बोर्ड ने जब खुद ऑनलाइन केंद्र निर्धारण किया था तो वह खुद इस मानक का पालन नहीं कर सका था।

ठूंस देते थे बच्चे
बता दें कि मानक न होने से कई सेंटर्स में बच्चों को कमरों में ठूंस दिया जाता था। जिससे व्यवस्था प्रभावित होने के साथ ही नकल भी खूब होती थी। इसी नकल को रोकने के लिए इसबार यह नियम सख्ती से पालन कराने का निर्णय लिया गया है।

नहीं कम होंगे सेंटर
हालांकि बोर्ड की ओर से जारी इस नियम के बाद भी परीक्षा केंद्रों की संख्या कम होने के आसार नहीं हैं। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि एक स्टैंडर्ड क्लास रूम में औसतन 25 छात्रों का आवंटन होगा। 2019 की बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण नीति में भी इस मानक को शामिल किया गया है। नकलविहीन और शुचितापूर्ण तरीके से परीक्षा कराना हमारी प्राथमिकता है।