DHARCHULA। धारचूला तहसील मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर मल्ला खुम्ती गांव में खेल-खेल में तीन मासूम भाई-बहनों की जान चली गई। तीनों अपने घर में कमरे में रखे लकड़ी के बक्से में बंद हो गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। हादसे के समय बच्चों के माता-पिता और दादा-दादी घर पर नहीं थे।

 

घर में खेल रहे थे बच्चे

खुम्ती गांव में सुंदर सिंह अपने पिता खुशाल सिंह अपने माता-पिता, पत्‌नी और तीन बच्चों के साथ रहता है। शनिवार को सुंदर बच्चों को स्कूल भेजने के बाद पत्नी के साथ कीड़ा-जड़ी दोहन के लिए उच्च हिमालय क्षेत्र में चले गए। दोपहर बच्चों के स्कूल से लौटने पर दादा-दादी ने उन्हें खाना खिलाया, इसके बाद बच्चे आपस में खेलने लग गए। कुछ देर बाद दादा खुशहाल सिंह दानू बकरियों को लेकर जंगल गए और दादी खेतों में आलू की गुड़ाई के लिए चली गईं। तब तक तीनों बच्चे निशा (10), सपना (7) और पोता कार्तिक (5) खेल में व्यस्त थे। इसी बीच, तीनों ही खेल-खेल में ही घर में रखे अनाज रखने वाले लकड़ी के बड़े बक्से में घुस गए। उस वक्त बक्से का ढक्कन खुला हुआ था, लेकिन उनके उसमें घुसते ही ढक्कन बंद हो गया और बाहर से कुंडी चढ़ गई। उन्होंने बक्से का ढक्कन खोलने का प्रयास किया, किंतु नाकाम रहे। कुछ ही देर में दम घुटने से तीनों की बक्से के भीतर ही मौत हो गई।

 

दादा-दादी को घंटों बाद इसका पता चला

शाम करीब साढ़े पांच बजे दादा, दादी घर लौटे तो तीनों बच्चे नजर नहीं आए। पहले तो वह यही सोचते रहे कि शायद आसपास खेल रहे होंगे। काफी देर बाद भी जब वह नजर नहीं आए तो खोजबीन शुरू हुई। देर रात दादा कमरे में गए तो वहां बक्से के छिद्रों से मलमूत्र रिसता देख उन्होंने बक्से का ढक्कन खोला तो तीनों बच्चे उसमें मृत पड़े थे। यह देखा दादा खुशहाल सिंह और दादी देवकी बेसुध हो गए। कीड़ा-जड़ी दोहन के लिए गए बच्चों के मां-पिता रविवार दोपहर घर पहुंचे। राजस्व पुलिस ने गांव पहुंचकर शव कब्जे में लिए। घटना के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है।