-राज्य वित्त एवं तेरहवें वित्त में खर्च हुई रकम

-सीडीओ ने 786 ग्राम पंचायतों में शुरू कराई जांच

FATEHPUR: प्रधान जी के मनमाने काम व फर्जी बिल बाउचर का 'खेल' अब बच नहीं पाएगा। लाखों डकारने की शिकायतों के चलते मुख्य विकास अधिकारी ने जिले भर की ग्राम पंचायतों में जांच शुरू करा दी है। उन ग्राम सभाओं को हिट लिस्ट में रखा गया है, जिन ग्राम पंचायतों ने कार्यपूर्ति और उपभोग प्रमाण पत्र जमा ही नहीं किया। जांच शुरू होने के बाद जिले भर में हंगामा मच गया है। प्राप्त धनराशि और खर्च का ब्योरा मिलान करने के लिए प्रधान जी अब खुद सचिव के घर तक दखल दे रहे हैं।

पांच सालों की होगी जांच

मुख्य विकास अधिकारी भवानी सिंह ने जिले में राज्य वित्त एवं तेरहवें वित्त की खर्च धनराशि की पड़ताल शुरू कराई है। पड़ताल में वर्ष 2010 से जून 2015 तक प्राप्त धनराशि के सापेक्ष खर्च का ब्योरा तलब किया गया है। पंचायती राज विभाग के आंकड़े बयां करते हैं कि एक वित्तीय वर्ष में जिले भर की ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त में 48 से 50 करोड़ रुपए भेजे गए हैं। इसी तरह तेरहवां वित्त आयोग में वर्ष में पांच से सात करोड़ की धनराशि जारी हुई है। पांच साल में लगभग 300 करोड़ रुपए भेजे गए हैं। मौजूदा हालातों में ग्राम पंचायतों में पांच से दस हजार रुपए ही अवशेष होने की रिपोर्ट है। मतलब कि पूरा पैसा खर्च कर लिया गया है।

मामले की प्रथम जांच शुरू

शिकायतों में दावा किया गया है कि ग्राम पंचायतों में जाने वाली राज्य वित्त एवं तेरहवें वित्त की धनराशि पर प्रधानों ने खूब खेल किया है। इस मद का पैसा हजम करने के लिए पंचायत सचिव, एडीओ पंचायत और बीडीओ तक को हिस्सेदार बनाया गया है। शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सीडीओ ने मामले में प्रथम जांच शुरू करा दी है, जिसके बाद जिले भर में हाय तौबा मच गयी है। पंचायत चुनाव की तेज हुयी सरगर्मी के बीच यह जांच प्रधानों के गले की फांस बनती जा रही है। सीडीओ ने सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी निलेन्द्र सिंह को जांच अधिकारी बनाया है, जिसमें उन्हें बैंकवार व खातावार प्रेषित धनराशि और खर्च धनराशि का ब्योरा एकत्रित करना है।

'राज्य वित्त एवं तेहरवां वित्त में ग्राम सभाओं को वर्ष 2010 से अब तक कितना पैसा दिया गया और उसके सापेक्ष क्या खर्च हुआ। इसकी जांच मुझे मिली है। बैंकों के स्टेटमेंट निकलवाकर आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं। ब्लाकवार एडीओ पंचायत से भी इस कार्य के लिए सहयोग लिया जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को सौपूंगा.'

-निलेन्द्र सिंह, सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी

दूसरी जांच में चेक होगा काम

सूत्रों की मानें तो राज्य वित्त एवं तेरहवें वित्त की धनराशि में बड़ा खेल हुआ है। इस घपले बाजी को पकड़ने के लिए दो अलग-अलग जांच कराई जानी है। पहली जांच में कितना पैसा गया और कितना खर्च हुआ। इसकी जांच हो रही है। दूसरी जांच में जिला स्तरीय अफसरों को नामित कर इस धनराशि से कराए गए कामों का सत्यापन होगा। सत्यापन में वह ग्राम पंचायतें फंस जाएंगी, जिन्होंने बिना काम कराए पैसा हजम कर विभाग को काम की झूठी रकम दी है।