राजधानी में लगभग 5 लाख हैं मकान, सिर्फ 46 हजार के ही नक्शे पास

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PATNA (24 Sept): यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि पटना के अधिकांश मकान अवैध हैं। शहर में लगभग पांच लाख मकान हैं। इनमें से मात्र 46 हजार का ही नक्शा पास है। इससे बड़ी आश्चर्य की बात है कि लोग अपने मकान का नक्शा पास कराना ही नहीं चाहते। नगर निगम की माने तो कोई नक्शा पास कराने आता ही नहीं है। लोग प्राइवेट इंजीनियर से ही नक्शा बनवाकर बिना पास कराए ही घर बना रहे हैं। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि निगम के पास मकानों के पास नक्शे की संख्या और शहर में बने मकानों की संख्या का काफी अंतर है जो चिंताजनक है।

प्राइवेट इंजीनियरों की चांदी

राजधानी में 200 से अधिक प्राइवेट इंजीनियर मनमाने तरीके नक्शा पास कर अपनी जेब भर रहे हैं। लोग निगम के पास न जाकर प्राइवेट इंजीनियरों को पैसे देकर मकान का नक्शा बनवा रहे हैं। कई मामलों में तो इंजीनियर मानदंड का ख्याल रखे बिना ही नक्शे पर सेंक्शन की मुहर लगा दे रहे हैं। निगम के इंजीनियरों के अनुसार आबादी के हिसाब से पटना का क्षेत्रफल 500 किमी में फैला होना चाहिए। जो 50 किमी की परिधि में सिमट गया है। 10 से 20 फीट चौड़ी सड़क पर मानदंड के खिलाफ 50 से 60 फीट ऊंची बिल्डिंग का निर्माण कर दिया गया।

 

मकान मालिकों की चाल में फंस गया निगम

मानदंड पूरा किए बिना मनमाने तरीके से मकान बनवाने वालों ने निगम को अलग-अलग टैक्स भुगतान करने की चाल चल दी। 70 फीसदी से अधिक मकान मालिक बिना नक्शा पास कराए ही निगम को होल्डिंग टैक्स चुकाकर बिजली, पानी कनेक्शन ले चुके हैं और उनके मकान को गिराने की कोशिश पर हर बार सरकारी विभागों से प्राप्त सुविधाएं उन्हें बचा ले जाती है। निगम एक्ट के अनुसार बगैर नक्शा पास और अनुमति किसी भी भवन के निर्माण पर जुर्माना के साथ ही उसे ध्वस्त करने का प्रावधान है। लेकिन मकान मालिकों से अलग-अलग टैक्स कर नगर निगम फंस चुका है। वह मकान मालिकों के ऊपर कोई भी कार्रवाई करने से पीछे हट गया है।

 

नक्शा पास करने के लिए ये हैं नियम

नक्शा पास कराने के लिए ऑनलाइन या फिर हार्डकॉपी के साथ आवेदन किया जा सकता है। इंजीनियरों से तैयार नक्शा लेकर निगम जाना होगा। निगम के इंजीनियर साइट पर जाकर जांच करेंगे। सड़क के हिसाब से भवन की ऊंचाई का निर्धारण होगा। प्लॉट साइज के हिसाब से मकान मालिकों को शेट बैक, पार्किंग व्यवस्था, ग्रीन बेल्ट, वेंटीलेशन आदि के लिए स्थान छोड़ना होगा। फायर ब्रिगेड, एयरपोर्ट और दूसरे महत्वपूर्ण विभागों से एनओसी मांगी जाएगी। यहां से एनओसी प्राप्त होने के बाद ही कोई नक्शा पास हो सकता है।