RANCHI : करंट से किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके परिजन अथवा आश्रितों को चार लाख मुआवजा मिलेगा, जबकि गाय-भैंस के मामले में हर्जाने की राशि तीस हजार रुपए होगी। झारखंड स्टेट रेगुलेटरी कमीशन द्वारा हर्जाना तय करने को लेकर कंपनशेशन टू विक्टिम इलेक्ट्रिसिटी एक्सीडेंट रेगुलेशन-2018 का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। ड्राफ्ट लागू करने से पहले लोगों से जून माह तक सुझाव भी मांगे गए हैं, ताकि अगर बदलाव की जरूरत हो तो उसे इस ड्राफ्ट में शामिल किया जा सके।

नहीं था कोई पैमाना

अभी जो व्यवस्था चली आ रही है उसमें करंट से किसी की मौत होने पर मुआवजे की राशि को लेकर कोई पैमाना तय नहीं था। बिजली विभाग द्वारा मृतक के परिजनों को सिर्फ नाम का मुआवजा दिया जाता है। अगर किसी ने दावा नहीं किया तो उसे किसी तरह का कोई मुआवजा भी नहीं मिलता है, लेकिन झारखंड स्टेट रेगुलेटरी कमीशन द्वारा तैयार किए जा रहे ड्राफ्ट में मुआवजे को न सिर्फ अनिवार्य कर दिया गया है, बल्कि इसकी राशि भी निर्धारित की जा रही है।

जांच के बाद मिलेगा मुआवजा

अगर किसी व्यक्ति अथवा जानवर की मौत करंट से होती है तो बिजली विभाग की ओर से इसकी पूरी जांच कराई जाएगी। इस जांच में अगर बिजली विभाग की लापरवाही सामने आती है तो मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। अगर इसमें विभाग की कोई लापरवाही नहीं होगी तो मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

ऐसे में नहीं मिलेगा मुआवजा

अगर कोई व्यक्ति बिजली की मरम्मत के दौरान करंट की चपेट में आता है और उसकी मौत हो जाती है तो उस हालात में उसके परिजनों को किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। इसी तरह कोई मवेशी यदि बिजली के पोल से सटा है और करंट से उसकी मौत होती है तो भी किसी तरह का हर्जाना देय नहीं होगा।

मुआवजे के लिए यह है प्रॉसेस

अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो इसकी एफआईआर संबंधित थाने में दर्ज करानी होगी। इसकी प्रति के साथ हॉस्पिटल में शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल जाने के बाद बिजली विभाग में क्लेम करने के लिए आवेदन देना होगा। इसके उपरांत बिजली विभाग अधिकारी पूरे मामले की जांच करेंगे। जांच रिपोर्ट में अगर करंट से हुई मौत के लिए विभाग की लापरवाही सामने आती है तो मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा।

किस स्थिति में कितना मुआवजा

मौत होने पर - चार लाख रुपए

60 परसेंट तक परमानेंट डिजेबल- दो लाख

40 परसेंट तक परमानेंट डिजेबल- 60 हजार

हॉस्पिटलाइज होने पर- 15 हजार रूपए

-एक सप्ताह तक हॉस्पिटल में रहने पर -5 हजार

-गाय, भैंस की मौत पर -30 हजार रूपए

-सुअर, बकरी भेड़ की मौत पर- 3 हजार रूपए

-ऊंट- घोड़ा की मौत पर - 25 हजार

- मुर्गी की मौत पर 50 रूपए प्रति मुर्गा