पांच का गोलमाल

अब की बार 5रुपये का नोट लेने से पहले एक बार चेक कर लें कि कहीं नोट नकली तो नहीं. नकली नोटों की इस कदर बढ़ती संख्या देश की इकॉनमी को नुक्सान पहुंचा रही है. दिल्ली पुलिस को अपनी 2013 की रिकवरी में पांच रुपये के 19,400 नकली नोटों मिले हैं. पांच के नोटों की इतनी बड़ी नकली संख्या पहली बार देखने को मिली है. पुलिस ने बताया कि इंडिया में फेक करेंसी के सरकुलेशन में ज्यादातर हाथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का है. जो बात सबसे ज्यादा चौकाने वाली है, वो ये है कि ये फेक करेंसियां पाकिस्तान की सरकारी कंट्रोल्ड प्रेसों में छापी गई हैं.  

नोटों की स्मगलिंग

इन नोटों की पहचान करना बहुत मुश्किल है. पहले हमे ज्यादातर बड़े नोट ही नकली मिलते थे, पर पिछले तीन सालों में ये आंकड़े बदल से गए हैं. पुलिस के मुताबिक मुताबिक पिछले तीन सालों में एफआइसीएन(फेक इंडिया करेंसी नोट्स) के स्मगलरों ने 5,10 और 20 के नोटों की स्मगलिंग में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. 2013 में फेक इंडिया करेंसी की 5.66 करोड़ की फेस वेल्यू को सीज किया गया.

2013 के आंकड़ों पर डालिए एक नजर

-5रुपये के 19,400 नकली नोट      

-10 रुपये के 6नोट

-50 रुपये के 1510 नोट

-100 रुपये के 20,517 नोट

-500 रुपये के 60,525 नोट

-1000 रुपये के 24,116 नोट

यूरोप भी शक घेरे में

पुलिस ने बताया कि जो पेपर करेंसी की प्रिटिंग के लिए यूज किया जाता है वो यूरोप से इम्पोर्ट किया जाता है. इंडिया की करेंसी की प्रिटिंग के लिए पेपर प्रोवाइड कराने का काम यूरोप करता है. पुलिस ने बताया है जो कि जो यूरोपियन कंपनीयां पेपर प्रोवाइड कराती है वो भी शक के घेरे में है.

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