JAMSHEDPUR: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि एमजीएम में हावी नेता-ठेकेदार-डॉक्टर के कॉकस को बहुत जल्द खत्म किया जाएगा। साथ ही एक महीने में एमजीएम कॉलेज परिसर में 500 बेड के अस्पताल का शिलान्यास होगा। मुख्यमंत्री रघुवर दास गुरुवार को सिदगोड़ा स्थित सोनमंडप में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि 2022 तक कोई बेघर नहीं रहेगा। झारखंड सरकार ने प्रधानमंत्री के इस सपने को 2020 तक ही पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत जमशेदपुर के 27 हजार शहरी बेघरों को सरकार अपना आशियाना देगी। इसके लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। टाटा स्टील प्रबंधन और जिला प्रशासन के साथ बैठकर इसको अंतिम रूप दिया जाएगा। इस योजना में केंद्र सरकार एक लाख और राज्य सरकार एक लाख रुपये दे रही है। बैंकों से बात कर ली गई है। बाकी लाभुकों को 5-5.5 लाख रुपये का लोन सरकार दिलाएगी। ये लोन 15 साल के लिए होगा और इस दौरान लाभुक अपना घर नहीं बेच पाएगा।

आयुष्मान से जुड़ेंगे

टीएमएच और टाटा मोटर्स अस्पताल के आयुष्मान भारत योजना से जुड़ने के सवाल पर सीएम ने कहा कि कोई भ्रम में न रहे। टाटा वर्कर्स यूनियन को ये पता होना चाहिए कि अभी 50 प्रतिशत बेड पर गैर टाटा कर्मचारियों का इलाज होता है। आयुष्मान योजना से जुड़ने पर कोई दिक्कत नहीं। दोनों अस्पताल हर हाल में इस योजना से जुड़ेंगे।

टाटा स्टील की तारीफ की

2019 तक जमशेदपुर में नगर निगम या इंडस्ट्रियल टाउन के सवाल पर उन्होंने कहा कि मामला विचाराधीन है। बहुत जल्द सरकार इस पर निर्णय लेगी। सरकार के कैबिनेट मंत्रियों द्वारा टाटा लीज समझौते की फिर से की जा रही मांग के सवाल पर कहा कि यह लोकतंत्र है। इसमें सबको मांग करने का हक है। उन्होंने टाटा स्टील की तारीफ करने हुए कहा कि दुनिया में ऐसा कौन सा कारपोरेट हाउस है, जो ट्रस्ट के माध्यम से आम जनता की सेवा कर रहा है। मोमेंटम झारखंड में आए रतन टाटा ने सरकार के सुझाव पर अमल किया। सरकार ने 23 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई। अब रिनपास रांची में बड़ा कैंसर अस्पताल खुलने जा रहा है और झारखंड के मरीजों को कहीं बाहर नहीं जाना होगा।

अगले साल से मणिपाल मेडिकल कॉलेज में होगी पढ़ाई

सीएम ने कहा कि मणिपाल मेडिकल कॉलेज के लिए सरकार ने जमीन दे दी है। सभी विसंगतियों को दूर करते हुए 2019 में बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई इसमें करेंगे। आने वाले समय में झारखंड को मेडिकल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। वार्डबॉय, कंपाउंडर, हाउसकीपिंग, नर्सिग इत्यादि के लिए कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीते चार वर्षो में राज्य में दुमका, पलामू, हजारीबाग, कोडरमा और चाईबासा सहित पांच मेडिकल कॉलेज से हर साल 1200 युवाओं को मेडिकल की डिग्री प्राप्त होगी।

सफाईकर्मियों का बढ़ेगा पैसा

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकायों का अपना कैडर होना चाहिए। कैडर बन चुका है और बहाली की प्रक्रिया चल रही है। सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें अ‌र्द्धकुशल श्रमिक की श्रेणी की सुविधाएं मिल पाएं, इसके लिए नगर विकास सचिव को निर्देश दिया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त होने के बाद सफाई कर्मचारियों के वेतन में 450 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी होने के साथ ही श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत मिलने वाली 15 कल्याणकारी योजनाओं के लिए भी उनकी पात्रता होगी। वे अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर जैसी उच्चस्तर की पढ़ाई कराने के लिए भी प्रेरित होंगे।