PATNA/AMRITSAR : दशहरा पर गुरुनगरी अमृतसर बेहद दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। दो ट्रेनों की चपेट में आने से 60 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मरने वालों में पांच बिहार के भी शामिल हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृहमंत्री राजनाथ सिंह से लेकर बड़े नेताओं तक ने घटना पर दुख व्यक्त कर दिया, लेकिन हैरत की बात ये रही कि 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बावजूद इस हादसे के जिम्मेदार का पता नहीं चल सका। रेलवे ने हादसे की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन पर डालकर पल्ला झाड़ लिया तो आयोजकों ने भी पुलिस की एनओसी दिखाकर खुद को बेकसूर साबित करने की कोशिश की। वहीं, जिला प्रशासन ने भी पूरे मामले पर चुप्पी साधे रखी। सीएम अमरिंदर सिंह ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देते हुए 4 हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है।

लापरवाह जिम्मेदार

चश्मदीदों का कहना है कि प्रशासन की पहली लापरवाही यह थी कि आयोजन के लिए कोई इजाजत नहीं दी गई थी। रेलवे पर इल्जाम है कि ड्राइवर ने भीड़ देखने के बावजूद ट्रेन नहीं रोकी। बड़ी चूक मैदान में लगी एलईडी लाइट्स को भी माना जा रहा है, जिन्हें ट्रैक की ओर लगाया गया था। इससे लोग ट्रैक नहीं देख पाए।

मृतक के परिजनों को 7 लाख

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतक परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया है।

बिहार के मृतकों के नाम

पटना के नीतीश कुमार

भागलपुर जिले के जितेंद्र दास और उसका बेटा शिवम

गोपालगंज के भोला यादव, राजेश भगत

ग्रीन सिग्नल मिला, तभी ट्रेन बढ़ाई

पुलिस ने शनिवार को ट्रेन ड्राइवर को हिरासत में ले लिया। उसने पूछताछ में कहा है कि ग्रीन सिग्नल मिला था। इसी वजह से वह गाड़ी तेज रफ्तार से आगे बढ़ाता चला गया।

बिहार के सभी मृतकों के आश्रितों को एक-एक लाख की मदद

अमृतसर रेल हादसे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह घटना दुखद है। उन्होंने कहा कि इस हादसे में मारे गए बिहार के सभी लोगों के आश्रितों को राज्य सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष से एक-एक लाख रुपए की अनुग्रह राशि तथा प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के तहत एक लाख रुपए देगी।