-चंद दिन पहले ही बीडीए में शामिल हुए थे यह गांव

-सप्ताह भर में अप्लीकेशन की बंदिश से परेशान हैं लोग

Bareilly: 66 गांवों में निर्माणाधीन 30,000 घरों पर बीडीए की स्वीकृति की बंदिश लग गई हैं। एक सप्ताह के अंदर भवन स्वामी निर्माण की फोटो दिखाकर यदि स्वीकृति नहीं लेते हैं, तो उन्हें नक्शा लेकर निर्माण कराने को मजबूर होना पड़ेगा। फिलहाल, रोक के बाद भवन निर्माण करा रहे लोग प्राधिकरण के दर पर चक्कर लगा रहे हैं।

प्रार्थना पत्र देने पर मिलेगी स्वीकृत

बीडीए ने गांवों को दायरे में लेने के साथ नवनिर्मित भवनों को रेगुलराइज करने का भी कार्य शुरू कर दिया है। इसी क्रम में रोके गए भवनों को राहत देने का भी काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि बीडीए के दायरे में आने के पहले जो ग्रामीण भवन निर्माण करा रहे हैं। यदि वह एक सप्ताह के भीतर अ‌र्द्धनिर्मित भवन की फोटो के साथ प्रार्थना पत्र देंगे तो उनको निर्माण पूरा करने की स्वीकृत मिल जाएगी।

देर हुई तो पास कराना होगा नक्शा

अधिकारियों का कहना है कि जो भी निर्माणाधीन भवन हैं यदि नोटिस मिलने के बाद से एक हफ्ते के भीतर स्वीकृत हासिल नहीं करते हैं, तो उन्हें नक्शा हर हाल में पास कराना होगा। उसके बगैर निर्माण कार्य को स्वीकृति नहीं मिलेगी। यदि कोई चोरी-छिपे निर्माण करता भी है, तो उसे तोड़ने के साथ ही जुर्माना वसूल किया जाएगा।

2008 में बनी थी सहमति

बीडीए का विस्तार करने का प्रयास 2008 में किया गया था। कुछ कारणों से उस समय इनको नहीं जोड़ा गया.2018 में इन सभी 66गांवों को जोड़ा गया है। बीडीए के चीफ टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी ने बताया कि इन गांवों को बीडीए में जोड़ने की प्रक्रिया उस समय के बीडीए उपाध्यक्ष काशीराम के समय में शुरू हुई थी।

प्वाइंटर-

-दो कमरा तक बिना नक्शा स्वीकृत के कर सकेंगे निर्माण

-अपने अनुसार बीडीए करेगा इन क्षेत्रों का विकास

-इसके बावजूद यह नगर निगम के दायरे से रहेंगे बाहर

-सड़क, पानी, पार्क का होगा विकास

किसानों के बोल--

1-बरेली तहसील के मल्हपुर गांव के रहने वाले दीनानाथ घर का निर्माण करा रहे हैं। इनका आधा मकान बन चुका है। इन्होंने बताया कि मंगलवार को बीडीए के अधिकारी आए और मकान का निर्माण बंद करने को कहा। पूछने पर बताया कि इसका नक्शा पास कराए बिना निर्माण नहीं हो सकता। आधा घर बनने के बाद कहां से नक्शा पास कराएं।

2-धारुपुर मुहम्मद अकबर के खलील अहमद ने बताया कि दस दिन से मै घर बनवा रहा हूं। कब हमारा गांव बीडीए में शामिल हुआ, इसकी जानकारी नहीं लेकिन निर्माण रुकवाने वाले पहुंच गए। इनके बताने के बाद से मै परेशान हूं।

3-फरीदपुर तहसील के मगनपुर गांव के अशरफ खां ने बताया कि बीडीए में आने के पहले ही मैं अपना घर बनवा रहा हूं। तीन दिन पहले बीडीए के लोग पहुंचकर निर्माण न करने की बात करने हुए रोक लगा दी कहा निर्माण तभी होगा जब नक्शा पास हो जाएगा। यह फिर अधिकारी से मिल लें।

-इन गांवों को किया गया है शामिल-

भंडसर,चैनामुरारपुर, महरनिया, हरहरपुर, नेवादा कुर्मियान, असलादपुर, मोहनपुर उर्फ रामनगर, इटावा बेनीराम, क्वारी, लालपुर, रूपपुर बढैपुर, भगवंतपुर घिमरी, अधलखिया, गुलरिया रिजकुल निसा, वैशापुर, महेशपुर शाह ईमान उद्दीन, नौगंवा हरसेह पट्टी, नेवदिया हरकिशन, कचौली, उगनपुर, मवोढ़ी रानी मेवाकुंवरपुर,मल्हपुर, डंडिया, बीरपुर रानी मेवाकुवर, तिगरा,पुरनापुर, कुआडांडा कुर्मियान, नैयतपुर, जगन्नाथपुर, लोधीपुर, सारीपुर, लिलौरी,बेनीपुर सादात, आलमपुर, गजरौला, धारुपुर मुहम्मद अकबर, उड़ला जागीर, ताहताजपुर, फिदाईपुर इनायत खां, मुस्तफाबाद, बिथरी चैनपुर, नवादा जोधा, बालपुर अहमदपुर, उदयपुर जसरथपुर, गोपालपुर नगरिया अनूप, सुंदरपुर, मानपुरिया दलेल, लखौरा, दुबारी, पालपुर कमालपुर, धारुपुर ठाकुरान, सैदपुर लश्करी, मानपुर ओझापुर, फरीदपुर दरकली साहेब।

तहसील फरीदपुर के गांव--

मेहतरपुर, भगौतीपुर, बहादुरपुर करोड़, फतेहपुर, शंकरपुर, रजऊ परसपुर,हिरदेपुर उर्फ अंधरपुर, केशरपुर, करनपुर इलाका शंकरपुर, करनपुर इलाका जेड़,सथरापुर, मगनपुर